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राष्ट्रपति चुनाव का हुआ एलान : देश में ऐसे आयोजित की जाती है महामहिम चुनाव की मतदान प्रक्रिया

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मुख्यधारा

निर्वाचन आयोग ने आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी डुगडुगी बजा दी है। हमारे देश में चुनाव एक त्योहार की तरह है। ‌अभी कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म हुए। उसके बाद इन दिनों विधान परिषद और राज्यसभा के चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर हैं।

गुरुवार को आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव का भी एलान कर दिया है। ‌ मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का 5 साल कार्यकाल अगले महीने की 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। देश में राष्ट्रपति सर्वोच्च नागरिक होते हैं। राष्ट्रपति को महामहिम भी कहते हैं। ‌हालांकि राष्ट्रपति के चुनाव में जनता मतदान नहीं करती है।

इस चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच ही सीधे तौर पर फाइट देखी जाती है। ‌ आमतौर पर केंद्र में जिस पार्टी की सरकार होती है उसी की राष्ट्रपति बनाने में अहम भूमिका रहती है। ‌ हालांकि विपक्षी भी अपने मनपसंद का राष्ट्रपति बनाने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगाता रहा है। ‌

राजधानी दिल्ली में मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान आयोजित होगा। ‌वहीं इसके लिए 15 जून को अधिसूचना जारी होगी। 29 जून को नॉमिनेशन की आखिरी तारीख है। मतदान 18 जुलाई को होगा और मतगणना 21 को होगी। अनुच्छेद 58 के तहत एक उम्मीदवार को राष्ट्रपति के पद का चुनाव लड़ने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना अनिवार्य है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने के लिए चुनाव आयोग की ओर से दिए गए पेन का ही इस्तेमाल करना होगा। अगर कोई दूसरा पेन इस्तेमाल करता है तो उसका वोट अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 776 सांसद और 4033 विधायक, यानी कि कुल 4809 मतदाता वोट देंगे। व्हिप लागू नहीं होगा और मतदान पूरी तरह से गुप्त होगा।

राष्ट्रपति का चुनाव आम चुनाव की तरह नहीं होता है

राष्ट्रपति का चुनाव आम चुनाव जैसा नहीं होता है। इसमें जनता सीधे तौर पर हिस्सा नहीं लेती है, बल्कि जनता ने जिन विधायकों और सांसदों को चुना होता है, वो हिस्सा लेते हैं। विधायक और सांसद के वोट का वेटेज अलग-अलग होता है। संविधान के अनुच्छेद-54 के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचन मंडल करता है। इसके सदस्यों का प्रतिनिधित्व आनुपातिक होता है।

यानी, उनका सिंगल वोट ट्रांसफर होता है, पर उनकी दूसरी पसंद की भी गिनती होती है।बता दें कि लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के सदस्य मिल कर राष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचन मंडल बनाते हैं। 776 सांसद (मनोनीत को छोड़कर) और विधानसभा के 4120 विधायकों से निर्वाचन मंडल बनता है।

निर्वाचन मंडल का कुल मूल्य 10,98,803 है। इन्हें है वोट करने का अधिकार। संसद के दोनों सदनों (लोकसभा, राज्यसभा) के सदस्य वोट डालते हैं। इसके अलावा राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधानसभा के सदस्य भी मतदान करते हैं।

भारत में राष्ट्रपति चुनाव में खड़ा होने के लिए उम्मीदवारों को निम्न योग्यता होनी चाहिए

राष्ट्रपति चुनाव में खड़ा होने के लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए।‌ 35 वर्ष की आयु पूरी करनी चाहिए। लोकसभा का सदस्य बनने के योग्य होना चाहिए।‌ भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन या किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकरण के अधीन किसी भी उक्त सरकार के नियंत्रण के अधीन लाभ का कोई पद धारण नहीं किया होना चाहिए। हालांकि, उम्मीदवार किसी भी राज्य के राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या राज्यपाल या संघ या किसी राज्य के मंत्रियों का पद धारण कर सकता है और चुनाव लड़ने के लिए पात्र होगा।

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