देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के बजट(budget) सत्र में वित्तीय वर्ष 2022-23 का 65571.49 करोड़ के आय-व्ययक (बजट) को मंजूरी दे दी गई है। इसी के साथ सरकार द्वारा सदन में पेश विनियोग विधेयक पारित हो गया।
शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान सरकार ने विभागवार अनुदान मांगें प्रस्तुत की, जिन्हें ध्वनिमत से मंजूरी मिल गई। इस दौरान प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य बहिर्गमन के कारण सदन में मौजूद नहीं थे। सदन ने जलापूर्ति, आवास एवं नगर विकास के लिए 2110.85 करोड़,कृषि कर्म और अनुसंधान के लिए 1206.199 करोड़,परिवहन हेतु 337.04 करोड़, अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए 2022.65 करोड़, अनुसूचित जनजातियों के कल्याण हेतु 576.83 करोड़, पशुपालन के लिए 531.66 करोड़, श्रम एवं रोजगार हेतु 605.31 करोड़, खाद्य के अन्तर्गत 534.32 करोड़, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के अन्तर्गत कल्याण योजनाओं हेतु 2804.19 करोड़,विधानसभा के अन्तर्गत 94.28 करोड़, मंत्रिपरिष्द के अन्तर्गत 98.99 करोड़, न्याय प्रशासन हेतु 370.73 करोड़, राजस्व एवं सामान्य प्रशासन के लिए 2339.82 करोड़, लोक सेवा आयोग के लिए 27.49 करोड़, पुलिस एवं जेल के लिए 2423.55 करोड़, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण हेतु 3994.16 करोड़, सूचना के अन्तर्गत 128.08 करोड़, ग्राम्य विकास हेतु 3699.13 करोड़, ऊर्जा के अन्तर्गत 482.74 करोड़, लोक निर्माण के अन्तर्गत 2338.86 करोड़ और उद्योग के लिए 448.07 करोड़ की अनुदान मांगों को मंजूरी दी गई।
विभागीय मांगों को मंजूरी मिल जाने के बाद वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विनियोग विधेयक 2022 को स्वीकृति के लिए अनुरोध किया, जिसे प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की गैरमौजूदगी में ध्वनिमत से सदन की मंजूरी मिल गई।
विधानसभा budget सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
विधानसभा सत्र के अंतिम दिन सदन ने बजट (विनियोग विधेयक) के अलावा तीन अन्य विधेयकों को भी मंजूरी दी।
सदन ने सरकार द्वारा पेश उत्तराखंड(उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम,1950) (संशोधन)विधेयक 2022,उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा, अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा(संशोधन)विधेयक 2022 और उत्तराखंड उद्यम एकल एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन(संशोधन)विधेयक 2022 को प्रमुख विपक्ष की अनुपस्थिति में ध्वनिमत से मंजूरी दी।
इसके बाद सामान्य कामकाज के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सदन की कार्यवाही सरकार के प्रस्ताव पर सहमति के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।