- ‘छात्र-छात्राओं के शारीरिक व मानसिक विकास में भोजन का महत्व’ विषय पर सेमिनार आयोजित
- विद्यालय की क्षेत्र में हो रही खूब सराहना
मुख्यधारा/जौनपुर
वर्तमान की व्यस्ततम जीवन शैली में लोग पारंपरिक भोज्य पदार्थों से नाता तोड़कर जंकफूड की तरफ भाग रहे हैं। नई पीढी भी इससे अछूती नहीं है। इसके कारण स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसके उलट टिहरी जनपद के जौनपुर विकासखंड के अंतर्गत एक विद्यालय ऐसा भी है, जो अपने छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य को लेकर न सिर्फ जागरूक है, बल्कि उन्हें स्थानीय पौष्टिक खाद्य पदार्थों का उपभोग करने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।
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यहां बात की जा रही है राजकीय आदर्श विद्यालय ललोटना (Lalotna) की। जहां आज शैक्षिक सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार का विषय ‘छात्र-छात्राओं के शारीरिक व मानसिक विकास में भोजन का महत्व’ था।
इस मौके पर सेमिनार में ग्राम टिकरी, ललोटना(Lalotna), क्यारी, ख्यार्सी की महिला अभिभावकों सहित बाल वाटिकाओं ने प्रतिभाग किया।
सेमिनार में प्रधानाध्यापिका मीनाक्षी उनियाल, सहायक अध्यापक विजय सेमवाल, अजयपाल सिंह नेगी व महादेव गौड़ द्वारा शारीरिक-मानसिक विकास में खाद्य-पदार्थों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में छात्र-छात्राओं को विस्तृत जानकारी दी गई। इससे विद्यार्थियों में स्थानीय खाद्य पदार्थोे में पाए जाने वाले बहुमूल्य पोषक तत्वों की जानकारी मिलने के साथ ही उनमें इनके प्रति ललक भी देखने को मिली।
इन स्थानीय सब्जियों में भरे हैं कई पोषक तत्व
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान बबीता पंवार ने स्थानीय सब्जियों में उपस्थित पोषक तत्वों के संबंध में जानकारी साझा की। उन्होंने उपस्थित माताओं द्वारा स्थानीय डिश पिनोले, दाल के पकोड़े, झंगोरे की खीर, कंडाली की कापली, दाल की भरी रोटी, मक्के की रोटी, रायता, आटे का हलवा, कोदे की भरी रोटी, पत्यूड़, पिंडालू के पत्तों का साग, स्थानीय सब्जियां, चोलाई का हलवा आदि स्थानीय भोज्य पदार्थों को स्वादिष्ट बनाये जाने के तरीकों पर भी बड़ी बारीकी से सभी को समझाने का प्रयास किया।
सेमिनार के अंत में बाल वाटिका ललोटना, छनाण गांव, बंगार, क्यारी, ख्यार्सी ने खाद्य पदार्थों की अल्पना बनाई।
कुल मिलाकर स्कूल के छात्र-छात्राओं के प्रति शिक्षकों की इस जागरूकता को देख क्षेत्र में राजकीय आदर्श विद्यालय ललोटना की खूब सराहना हो रही है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है जनपद व प्रदेश के अन्य स्कूल भी इस विद्यालय से सीख लेकर अपने यहां ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित होंगे।