देहरादून/मुख्यधारा
जैसे-जैसे दारोगा भर्ती प्रकरण (Inspector Recruitment Case) की जांच विजिलेंस द्वारा आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे भर्ती घोटाले में शामिल दारोगाओं की धड़कनें भी बढऩे लगी हैं। इसी क्रम में पंतनगर विवि के दो कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस प्रकार अब तक 12 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके अलावा कई अन्य लोग भी विजिलेंस की रडार पर बताए जा रहे हैं।
बताते चलें वर्ष 2015 में दारोगा के 356 पदों के लिए भर्ती परीक्षा (Inspector Recruitment Case) आयोजित की गई थी। सूत्रों के मुताबिक रडार पर चल रहे अन्य आरोपित लोगों को भी विजिलेंस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। बताया जा रहा है कि एसटीएफ अब तक करीब 15 दारोगाओं के नाम विजिलेंस को सौंप चुकी है। इसके अलावा जांच चल रही है, जिसमें कई और नाम भी विजिलेंस की जांच में सामने आ सकते हैं।
विजिलेंस के एसपी प्रहलाद सिंह मीणा के अनुसार उक्त कार्यवाही गड़बड़ी की शिकायत के आधार पर हुई है। जांचोपरांत पता चलेगा कि कितने दारोगा गलत तरीके से भर्ती होने में सफल हुए। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
बताते चलें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक प्रकरण के उजागर होने के बाद इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। (Inspector Recruitment Case) जांच के दौरान पता चला कि कई अन्य भर्तियों में भी धांधली पाई गई है। जिसमें दारोगा भर्ती भी शामिल थी।
जांच के दौरान उजागर हुआ कि इस भर्ती में ओएमआर शीट में गड़बड़ी करके धांधली की गई। इस पर बीते 8 सितंबर को विजिलेंस को जांच के आदेश दिए गए। जिसके बाद एसपी प्रहलाद सिंह मीणा के नेतृत्व में विजिलेंस तेजी से इस प्रकरण की जांच कर रही है।
बताया गया कि पूर्व में गिरफ्तार पंतनगर विवि का पूर्व अधिकारी दिनेश चन्द्र जोशी द्वारा भर्ती परीक्षा धांधली में शामिल अन्य लोगों के नाम भी उजागर किए गए थे। जिस पर शासन से अनुमति मिलते ही विवि के दो अधिकारी सहित 12 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है।
इसके साथ ही भर्ती धांधली में शामिल दारोगाओं व अन्य लोगों की धड़कनें बढ़कर तेज हो गई है।
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