ऋषिकेश/मुख्यधारा
यमकेश्वर के गंगा भोगपुर स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट के संचालक व अंकिता हत्या के मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य की फैक्ट्री में आज सुबह आग लग गई। आग की लपटों को देखकर वहां मौजूद लोगों ने तत्काल फायर ब्रिगेड को फोन कॉल किया गया। उक्त फैक्ट्री में आग लगने की खबर मिलते ही आम आदमी पार्टी, उत्तराखंड के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट (Jot singh Bisht) ने कड़ा तंज कसते हुए कहा कि अब न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी। अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को बचाने खासकर वीआईपी को बचाने का काम आज पूरा हो गया।
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पुलकित आर्य की फैक्ट्री में आग लगने की सूचना पर फायर बिग्रेड मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। आग लगने का कारण प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। बताते चलें कि अंकिता हत्याकांड के बाद से पुलकित की फैक्ट्री व रिजॉर्ट सील किया गया है। व वहां पीएसी तैनात की गई है।
वहीं दूसरी ओर अंकिता हत्याकांड के अभियुक्त पुलकित आर्य की फैक्ट्री में आग लगने के बाद आम आदमी पार्टी, उत्तराखंड के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट (Jot singh Bisht) ने देहरादून में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि जिसका डर था आज आखिर वही हो गया। अंकिता हत्याकांड के घटना स्थल वनन्तरा रिसॉर्ट को पहले बुलडोजर से तोड़कर साक्ष्य छुपाने का षडयंत्र किया गया और आज वनन्तरा रिसॉर्ट को आग के हवाले कर दिया गया। अब न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी। अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को बचने खासकर वीआईपी को बचाने का काम आज पूरा हो गया।
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हत्या के आरोपी 3 लोगों की गिरफ्तारी के बाद पसरा सन्नाटा कतई संतोषजनक नहीं है। अंकिता की हत्या का कारण वह वीआईपी है, जिस को खुश करने का अंकिता पर दबाव था। उत्तराखंड की बेटियों की अस्मिता पर ऐसे अवैध रिसोर्ट संचालक हमेशा चोट करते रहते हैं। अंकिता ने अनैतिकता का विरोध किया और अपने प्राण गंवाए। यह उत्तराखंड के बेटियों की अस्मिता की रक्षा के लिए अंकिता का बलिदान है। अंकिता का बलिदान बेकार न जाए, यह हर उत्तराखंडी का नैतिक दायित्व है।
जोत सिंह बिष्ट (Jot singh Bisht) ने कहा कि उत्तराखंड सरकार अपनी गलतियों को छुपाने के लिए लोगों को ध्यान भटकाने का काम कर रही है। अपनी गलतियों से सरकार की कई बार फजीहत हुई।
उन्होंने कहा कि यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किए गए 42 लोगों में से लचर पैरवी व कमजोर साक्ष्यों के आधार पर 19 लोग जमानत पर छूट गए हैं। जब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षा भर्ती घोटाले में जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार कर रही थी, तब राज्य की भाजपा सरकार इन गिरफ्तारियों को अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही थी। सरकार अपनी और एसटीएफ की पीठ थपथपा रही थी। जनता भी खुश हो रही थी। सरकार अगर आरोपियों को दंडित करने की मंशा से काम करती तो फिर इस मामले के कानूनी पक्ष को जान समझकर मामले कोर्ट में दाखिल करती। सरकार और जांच दल के द्वारा अपना काम सही तरीके से नहीं किया गया। इसका परिणाम है कि हर पेशी में आरोपी लगातार जमानत पा कर रिहा हो रहे हैं। इस प्रकार इतने बड़े घोटालों के दोषियों का जनमत पर रिहा होना सरकार की विफलता है, या फिर सरकार जान-बूझकर इन छुटभैया आरोपियों को बचा रही है, ताकि इन को संरक्षण देने वाले सफेदपोश लोगों को बचाया जा सके।
श्री बिष्ट (Jot singh Bisht) ने कहा कि आम आदमी पार्टी अपनी तरफ से लगातार प्रयास करेगी। न्यायालय में नि:शुल्क पैरवी के साथ सरकार पर सही दिशा में जांच करने के लिए दबाव जारी रखेगी।
हम उत्तराखंड की भाजपा सरकार से मांग करते हैं कि
1. अंकिता हत्याकांड के सभी बड़े व छोटे दोषियों, जिनमे वह वीआईपी भी शामिल है, जो अभी तक पर्दे के पीछे है, सभी को फांसी की सजा मिले।
2. यूकेएसएससी भर्ती घोटाले में संलिप्त सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
3. विधानसभा भर्ती घोटालों में गलत तरीके से नौकरी देने व गलत तरीके से नौकरी पाने वाले सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सजा दिलाई जाए।
जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि समय से सरकार को चेताना हमारा काम है, जिसको हम लगातार कर रहे हैं और करते रहेंगे। सरकार अगर कोताही बरतेगी तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जायेगा।