Header banner

उत्तराखण्ड : हल्द्वानी (Haldwani) के रेलवे जमीन पर बसी बस्तियों के हजारों लोगों को छत मिलेगी या उजड़ेगी ! सुप्रीम कोर्ट का आज अहम फैसला

admin
IMG 20230105 WA0000

उत्तराखण्ड : हल्द्वानी (Haldwani) के रेलवे जमीन पर बसी बस्तियों के हजारों लोगों को छत मिलेगी या उजड़ेगी ! सुप्रीम कोर्ट का आज अहम फैसला

(पिछले दिनों नैनीताल हाईकोर्ट ने हल्द्वानी (Haldwani) में रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से बसी बनफूलपुरा, गफ्फूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर बस्ती को खाली कराने के आदेश जारी किए हैं। इसी के विरोध में यहां पर रहने वाले हजारों लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ‌कोर्ट फैसले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा।)

  • शंभू नाथ गौतम

पिछले कई दिनों से उत्तराखंड का हल्द्वानी (Haldwani) सुर्खियों में बना हुआ है। मामला रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से बसी बनफूलपुरा कॉलोनी (बस्ती) को लेकर है। रेलवे की जमीन खाली कराने के लिए पिछले दिनों नैनीताल हाईकोर्ट ने फरमान जारी किया था। इसी को लेकर इन अवैध कॉलोनियों में रहने वाले हजारों लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अपने सिर पर से छत छिन जाने के फरमान के बाद हजारों की संख्या में महिला और पुरुष सड़क पर हैं। इनमें बड़ी आबादी अल्पसंख्यकों की है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में है। जिसकी आज सुनवाई होनी है।

यह भी पढ़े : Mussoorie : यूपी के शराब कारोबारी की दबंगई से सहमी ‘पहाड़ों की रानी’

इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। ‌कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने राज्य सरकार पर मामले में सही से पैरवी न करने का आरोप लगाया है।

अब आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है। उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक इलाका है बनभूलपुरा। करीब 50 हजार की आबादी वाले बनभूलपुरा में इंदिरा नगर और गफ्फूर बस्ती का इलाका आता है। करीब 29 एकड़ जमीन पर बसे इस इलाके पर रेलवे ने अपना दावा किया है। रेलवे का दावा है कि यह जमीन उसकी है, जिस पर अतिक्रमण किया गया है।

यह भी पढ़े : अच्छी खबर: उत्तराखण्ड की Dhami Sarkar में खुली युवाओं के लिए नौकरियों की राह, 1 फरवरी तक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन

हाई कोर्ट ने रेलवे के हक में फैसला सुनाते हुए एक हफ्ते के अंदर अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट आदेश के बाद करीब 4 हजार से अधिक कच्चे-पक्के मकानों को तोड़ा जाएगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक, कोर्ट के आदेश के बाद कड़ाके की ठंड के बीच 50 हजार से ज्यादा लोगों के सिर से छत छिनने का खतरा मंडराने लगा है।

नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनकी मांग है कि सुप्रीम काेर्ट हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाए और हजारों लोगों को बेघर होने से बचाए।

यह भी पढ़े : गुड न्यूज : FRI में इन पदों पर निकली भर्ती, आवेदन की अंतिम तिथि 19 जनवरी 2023

सुप्रीम कोर्ट आज, गुरुवार को मामले पर सुनवाई करेगा। इन लोगों की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद पैरवी कर रहे हैं। यहां आपको बता दें कि हल्द्वानी में कई साल पहले बनफूलपुरा जो कि रेलवे की जमीन के अंतर्गत आती है उसमें कई लोगों ने धीरे-धीरे कच्चे घर बना लिए थे। इसके बाद यहां पर पक्के मकान बन गए और बस्तियां बसती चली गईं।

हल्द्वानी के रेलवे स्टेशन के आसपास करीब 2 किलोमीटर के दायरे में बसी हैं यह बस्तियां

हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के आसपास का यह इलाका करीब 2 किलोमीटर से भी ज्यादा के क्षेत्र को कवर करता है। इन इलाकों को गफ्फूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर के नाम से जाना जाता है। यहां के आधे परिवार भूमि के पट्टे का दावा कर रहे हैं।

इसके अलावा रेलवे की इस इलाके में कई सरकारी और निजी स्कूल, पानी की टंकियां भी हैं। इसके साथ यहां पर मंदिर और मस्जिद भी बने हुए हैं। यहां के आधे परिवार भूमि के पट्टे का दावा कर रहे हैं।

​बनभूलपुरा में 4 हजार से ज्यादा परिवार रहते हैं। इनमें अधिकतर मुस्लिम हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद और बरेली के अल्पसंख्यक समाज के लोग काम करते थे। धीरे-धीरे वह यहां बसते गए और रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर कब्जा हो गया।

IMG 20230105 WA0001

नैनीताल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक सप्ताह के नोटिस के बावजूद भूमि खाली नहीं करने वाले अतिक्रमणकारियों से लागत वसूल की जाएगी, रेलवे को किसी भी रेलवे अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है जो हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करता है, साथ ही रेलवे को अतिक्रमणकारियों से वापस ली गई संपत्ति पर फेंसिंग लगाने का आदेश दिया गया है।

यह भी पढ़े : अच्छी खबर: उत्तराखण्ड में सेब के काश्तकार लगा पाएंगे अपनी पसंद की सेब की Seedling or Clonal रूटस्टॉक की वैरायटी

हाई कोर्ट का आदेश मिलते ही रेलवे और जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कवायद शुरू कर दी। रेलवे ने नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को एक हफ्ते के अंदर यानी 9 जनवरी तक कब्जा हटाने को कहा। रेलवे और जिला प्रशासन ने ऐसा न करने पर मकानों को तोड़ने की चेतावनी दी है। लोग अब अपने घरों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

दो दिन पहले हल्द्वानी में रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने के खिलाफ बनभूलपुरा क्षेत्र के हजारों लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया।

इस दौरान महिलाओं के साथ ही बच्चे और बुजुर्ग भी कैंडल मार्च में शामिल हुए, जहां उन्होंने सरकार से अतिक्रमण न हटाए जाने की मांग की। साथ ही कहा कि अगर सरकार अतिक्रमण हटाना ही चाहती है तो सबसे पहले उनको विस्थापित किया जाए नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश के बाद आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अहम सुनवाई करेगा। इसे लेकर पूरे देश भर की निगाहें लगी हुई है।

 

यह भी पढ़े : ब्रेकिंग (Information department): सूचना विभाग में अधिकारियों को कार्य आवंटित, जानिए किस अधिकारी को मिली क्या जिम्मेदारी, पढें आदेश

 

Next Post

Video: उत्तराखंड के पूर्व CM Trivendra Rawat को सुप्रीम काेर्ट से बड़ी राहत, जानिए क्या थी प्रतिक्रिया

Video: उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत (CM Trivendra Rawat) को सुप्रीम काेर्ट से बड़ी राहत, जानिए क्या थी प्रतिक्रिया देहरादून/मुख्यधारा सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ी राहत महसूस की […]
FB IMG 1672895364199

यह भी पढ़े