अच्छी खबर: तिमला (Timla) से आचार व जैम बनाने का प्रशिक्षण लेकर आप भी बन सकते हैं आत्मनिर्भर
चमोली/मुख्यधारा
गुरुवार को ग्राम पंचायत कुजों मैंकोट में जिला विकास अधिकारी डॉ महेश कुमार ने तिमला से आचार, जैम बनाने का तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ किया। मुख्य विकास अधिकारी डॉ ललित नारायण मिश्र की पहल पर एनआरएलएम समूह सदस्यों को तिमले का अचार, जैम और इसकी ब्रांडिग करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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तिमला फल विकास खंड स्तर पर बहुतायत मात्रा में होता यह प्राकृतिक फल औषधीय गुणों से युक्त है इसमें फाइबर, कैलशियम, विटामिन ए,बी, परचुर मात्रा में पाया जाता है, यह कब्ज , कैंसर, सुगर, की बीमारी दूर करने हेतु रामबाण है, अभी तक ग्रामीण केवल तिमले को चारा के रूप में प्रयुक्त कर रहे थे लेकिन इसके फल ऐसे ही बर्बाद हो रहे हैं आजीविका मिशन के तहत उक्त तिमलेे का सदुपयोग करते हुए अचार, जैम बनाकर हिमान्या (पहाड़ी नेचुरली) नाम से ब्रांडिग कर स्थानीय बाजार, सरस सेंटर, हिलांश आउटलेट, विभिन्न विभागों के आउटलेट में विक्रय हेतु रखा जाएगा ग्राम संगठन एवम कलस्टर स्तर पर इसको एकत्र किया जाएगा।
जिला विकास अधिकारी ने कहा कि जनपद स्तर पर फल प्रसंस्करण को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा जिससे अधिक से अधिक समूहों सदस्यों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके।
इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी आशीष पंत,ब्लॉक मिशन प्रबंधक मोहन सिंह नेगी आजीविका समन्वयक देवेन्द्र नेगी, वित समन्वयक संजय पुरोहित,ग्राम प्रधान सहित 12 समूहों के सदस्य उपस्थित रहे।