बड़ी खबर: उत्तराखंड-हिमाचल (Uttarakhand-Himachal) में बारिश का कहर, सोलन में बादल फटने और शिमला में भूस्खलन होने से मंदिर बह गया, 15 से अधिक लोगों की मौत, वीडियो
राहत बचाव जारी
मुख्यधारा डेस्क
पूरा देश 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है। वहीं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड भारी बारिश, लैंडस्लाइड से बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। दोनों राज्यों में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। अगर यही हाल रहा तो कल स्वतंत्रता दिवस में भी बारिश बाधा डाल सकती है।
हिमाचल और उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश जनजीवन पर ब्रेक लगा दिया है। सोमवार देर रात हिमाचल के सोलन में बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई है। सोलन के जादौन गांव में बादल फटने से दो घर और एक गौशाला बह गई। जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई और 3 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आज सुबह समरहिल स्थित शिव मंदिर भूस्खलन की चपेट में आ गया। यहां सावन के आखिरी सोमवार के दिन भक्त भगवान शिव की पूजा कर रहे थे। तभी अचानक भूस्खलन हुआ और मंदिर बह गया।
#WATCH शिमला में भारी बारिश के बाद भूस्खलन में एक मंदिर की इमारत में क्षतिग्रस्त हुई। फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए ऑपरेशन जारी है।
(वीडियो सोर्स: पुलिस) pic.twitter.com/CfYf683Srz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 14, 2023
जानकारी के मुताबिक, इस भूस्खलन की चपेट में 20 से ज्यादा भक्त आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अभी कई लोगों की मरने की खबर है। इन्हें रेस्क्यू करने का काम जारी है। इसके अलावा फागली वार्ड के लाल कोठी में भी भूस्खलन की वजह से 15 कच्चे ढारे बह गए। यहां भी 30 से ज्यादा लोगों के दबे होने की संभावना है। मौके पर आईटीबीपी के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। शहर भर में स्थिति बेहद खराब है। लगातार हो रही बारिश ने सरकार और प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है। हादसे पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शोक जताया। एक ट्वीट में सीएम ने कहा- शिमला से दुखद खबर सामने आई है, जहां भारी बारिश के कारण समर हिल में शिव मंदिर ढह गया। अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं। स्थानीय प्रशासन उन लोगों को बचाने के लिए मलबे को हटाने के लिए तत्परता से काम कर रहा है जो अभी भी फंसे हो सकते हैं।
बता दें कि प्रदेश भर में बीते 2 दिनों से भारी बारिश हो रही है। जिसके चलते प्रदेश में जगह-जगह लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड के मामले सामने आ रहे हैं। मौसम विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश में भारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। हिमाचल के मंडी जिले की बल्ह घाटी में तेज बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। ब्यास नदी उफान पर है। अधिकारियों के मुताबिक कई पर्यटक फंसे हुए हैं। राजधानी शिमला में सड़के बंद पड़ी हुई हैं। घरों में न तो बिजली है और न ही पानी। लगातार हो रही बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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उत्तराखंड में भी बारिश से भारी नुकसान, केदारनाथ के पास फटा बादल, कई नदिया तूफान पर
उत्तराखंड में भी तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। यहां मंदाकिनी समेत कई नदियां उफान पर हैं। उत्तराखंड के मालदेवता में लगातार बारिश के बीच देहरादून डिफेंस कॉलेज बिल्डिंग पूरी तरह ढह गई है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ी लिंचलोली के पास बीते देर रात बादल फटने की घटना सामने आई है।
बादल फटने से टेंटों में सो रहे करीब छह लोग फंस गए। जिनमें से पांच लोगों को निकाल लिया गया है, जबकि एक व्यक्ति अभी भी फंसा हुआ है। जिसका रेस्क्यू किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर छानी कैंप में तीन दुकानों को नुकसान पहुंचा है। पैदल मार्ग पूर्ण तह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन के मुताबिक, मंदाकिनी नदी में बाढ़ की वजह से सड़क बह गई। इसकी वजह से चमोली जिले में बांसबाड़ा गांव के पास रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे बंद हो गया।
उत्तराखंड में पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश ने हरिद्वार में गंगा के जलस्तर को खतरे के निशान से ऊपर ला दिया है। आज सोमवार सुबह से गंगा 294.75 मीटर पर बह रही है। हरिद्वार में गंगा का खतरे का निशान 294 मीटर है। ऋषिकेश के पशुलोक बैराज से लक्ष्मणझूला जाने वाले मार्ग पर वन विभाग के बंगले से आगे नाले में एक कार बह गई। कार में दंपति तथा उनके दो बच्चे सवार थे। कार से निकलने के बाद व्यक्ति ने पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस व एसडीआरएफ देर रात से रेस्क्यू में जुटी है। फिलहाल महिला तथा दो बच्चों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। दून समेत सात जिलों में आज भारी बारिश के आसार हैं।
मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिले के कई इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है जबकि, अन्य जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। चमोली और बागेश्वर जिले के कुछ इलाकों में बिजली चमकने और तेज गर्जन के साथ भारी बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेशभर में भारी बारिश के आसार हैं। इसके चलते संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन और चट्टानों के टूटने से सड़कें बंद हो सकती हैं। उत्तराखंड में 15 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी हुआ है। इसका असर भी दिखने लगा है। देहरादून में भारी बारिश के बाद लोगों के घरों में पानी घुस गया।