जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit): दिल्ली में तीन दिन रहेगी सार्वजनिक छुट्टी, पुलिस प्रशासन के अधिकारी जुटे तैयारियों में, रूसी राष्ट्रपति पुतिन समिट में नहीं आएंगे
मुख्यधारा डेस्क
अगले महीने होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए राजधानी दिल्ली सजने संवरने लगी है। केंद्र से लेकर दिल्ली सरकार के आला अधिकारी दिन-रात तैयारियों में लगे हुए हैं। पहली बार भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। इसके साथ भारत जी-20 शिखर सम्मेलन का मेजबान बनने जा रहा है।
इस समिट में विश्व की सबसे मजबूत और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री जैसे बड़े नेता शामिल होंगे। इतने बड़े कार्यक्रम को सफल और सुरक्षित संपन्न कराने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार अपने-अपने स्तर पर जुटी हुई हैं।
यह महत्वपूर्ण समिट दिल्ली के प्रगति मैदान के नव निर्मित स्टेट ऑफ आर्ट कंवेंशन कॉप्लेक्स में 9 और 10 सितंबर को आयोजित होगी। इसी को ध्यान रखते हुए दिल्ली सरकार ने राजधानी में 3 दिन छुट्टी घोषित की है। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होंगे, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शुक्रवार को मास्को में घोषणा की। जोहान्सबर्ग में हाल ही में समाप्त हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पुतिन व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुए। उनका प्रतिनिधित्व रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने किया।
राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दुनिया के 20 सबसे ताकवर देशों के राष्ट्राध्यक्षों की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने के साथ ट्रैफिक के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसलिए राजधानी में 8 से लेकर 10 सितंबर तक सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इन तीन दिनों तक स्कूल, कॉलेजों से लेकर ऑफिसों में भी अवकाश रहेगा। इसके अलावा वीआईपी मूवमेंट वाले स्थानों पर ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव रहेगा। दिल्ली में रहने वालों के लिए वैकल्पिक रास्तों की जानकारी अलग से मुहैया कराई जाएगी। इस बार शिखर सम्मेलन में मेहमानों की लिस्ट में बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाईजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, और यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं।
बता दें कि यूरोपीय यूनियन को हटाकर G20 में 19 शक्तिशाली देश शामिल हैं। इसमें प्रमुख रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, चीन, मैक्सिको, अर्जेंटीना, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, इंडोनेशिया, रूस, तुर्की, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूके, सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आने वाले विश्वभर के दिग्गज नेताओं, गणमान्य व्यक्तियों के स्वागत और ठहरने के लिए विदेश मंत्रालय ने कुल 35 होटलों को बुक किया है। दुनिया के शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों की मेजबानी के लिए फाइव स्टॉर होटलों में व्यवस्था की गई है। इनमें ताज महल, शांगरी-ला, मौर्या शेरेटन, ताज पैलेस, ली मेरिडियन, ओबेरॉय और लीला होटल शामिल हैं।
गौरतलब है कि G-20 का गठन 1999 में हुआ था। तब ये वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था। इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था। दुनिया की 80 फीसदी जीडीपी और 75 फीसदी कारोबार G-20 के देशों में ही होता है। इतना ही नहीं, दुनिया की दो-तिहाई आबादी भी इन्हीं देशों में रहती है. G-20 का कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है। जिस सदस्य देश के पास इसकी अध्यक्षता होती है, वही समिट का आयोजन करता है। 1 दिसंबर 2022 से भारत इसका अध्यक्ष है। भारत नवंबर 2023 तक G-20 का अध्यक्ष रहेगा।