कार्रवाई : लोकसभा (Lok Sabha) के बाद राज्यसभा से भी 34 विपक्षी सांसद सस्पेंड, एक दिन में पहली बार 67 सांसदों पर की गई कार्रवाई
मुख्यधारा डेस्क
ऐसा पहली बार हुआ है जब एक दिन में लोकसभा और राज्यसभा से 67 विपक्षी सांसद सस्पेंड किए गए हो। सोमवार को संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर लोकसभा में लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ।
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और 4 अन्य दलों के सांसद शामिल हैं। इसके बाद राज्यसभा में भी हंगामा हुआ। इसके चलते सभापति जगदीप धनखड़ ने 34 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया।
राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला को भी निलंबित कर दिया है। राज्यसभा सभापति ने प्लेकार्ड दिखाने को लेकर ये सख्त फैसला लिया है।
इससे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से 14 सांसद निलंबित किए गए थे। शीतकालीन सत्र से अब तक कुल मिलाकर 81 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है।सांसदों को निलंबित करने के बाद लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
स्पीकर ओम बिरला ने सभी सदस्यों से सदन में प्लेकार्ड यानी तख्तियां नहीं लाने का आग्रह किया था। लेकिन संसद की सुरक्षा में चूक के मामले पर विपक्षी सांसद लगातार तख्तियां आसन के सामने दिखा रहे थे।
यही नहीं, लोकसभा में विपक्षी सांसद अब्दुल खालिक, विजय वसंत और के जयकुमार के मामले को प्रिवलेज कमिटी को भेज दिया गया है। सरकार की कार्रवाई के बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार का काम है सदन चलाना। हमें निलंबित करके आवाज दबाई जा रही है।
चौधरी ने कहा कि हम पिछले दो दिन से अपने पहले निलंबित किए गए सांसदों का निलंबन खत्म करने की मांग कर रहे थे। हम संसद में सुरक्षा चूक पर बहस की मांग कर रहे थे। वहीं कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार हमारी आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार गृह मंत्री अमित शाह को बचाना चाहती है।