अयोध्या में छाया उत्सव : रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Ramlala Pran Pratistha ceremony) का सात दिवसीय पूजन विधि का आयोजन शुरू, भगवान राम की मूर्ति को किया जाएगा स्थापित
मुख्यधारा डेस्क
अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सात दिवसीय आयोजन आज से शुरू हो गया है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा से पहले आज से पूजन विधि शुरू हो गई है। भगवान राम की 51 इंच ऊंची मूर्ति को स्थापित किया जाएगा। सबसे पहले यजमान की ओर से प्रायश्चित समारोह का संचालन किया जाएगा।
इस समारोह में यजमानों की ओर से सरयू नदी के तट पर दशविध स्नान, विष्णु पूजा और गाय का तर्पण किया जाता है। दशविध स्नान में सभी पांच तत्व- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश को देव प्रतिमा में प्रतिष्ठित किया जाता है। 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति लेकर जुलूस अयोध्या पहुंचेगा।
इस दौरान भव्य यात्रा निकलेगी। श्रद्धालु कलश में सरयू का जल लेकर राममंदिर पहुंचेंगे। 18 जनवरी को गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा।
इस दौरान गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा की जाएगी। 19 जनवरी को राम मंदिर में पवित्र अग्नि प्रज्ज्वलित की जाएगी।
इस दौरान नवग्रह की स्थापना और हवन किया जाएगा। 20 जनवरी को गर्भगृह को सरयू नदी के जल से पवित्र किया जाएगा और वास्तु शांति और अन्नाधिवास अनुष्ठान का आयोजन होगा। 21 जनवरी को रामलला की प्रतिमा को 125 कलश से स्नान कराया जाएगा।
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 14 में से 11 स्वर्ण कपाट लगा दिए गए हैं। मंदिर के गर्भगृह में कपाट लग गए हैं। साथ ही सिंह द्वार पर चार पल्ले का कपाट लगाया गया है। सभी पर सोना जड़ा है।
यह भी पढें : गुड़ की मिठास-घुघुतिया का स्वाद घोलता उत्तरायणी (uttarayani) का त्योहार
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर वैदिक पुजारी सुनील लक्ष्मीकांत दीक्षित ने कहा, लगभग 150 विद्वान प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे। यह प्रार्थना आज से शुरू होगी और 22 जनवरी की शाम तक जारी रहेगी। यजमान की शुद्धि के लिए और पूजा करने का अधिकार प्राप्त करने के लिए आज ‘प्रायश्चित’ प्रार्थना की जाएगी। विष्णु पूजा और गोदान की जाएगी। उसके बाद मूर्ति को साफ करने के बाद इसे मंदिर की ओर ले जाया जाएगा। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह हर तरफ देखा जा रहा है। इसे अयोध्या सहित पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाने का संकल्प लिया गया है।
समारोह की तैयारी के दौरान, विभिन्न राज्यों से लोग लगातार पानी, मिट्टी, सोना, चांदी, रत्न, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटियां, ड्रम, सुगंध/सुगंधित वस्तुएं आदि लेकर आ रहे हैं. उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे मां जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए। रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं।
अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की रात पूरे देश में दीपावली मनाई जाएगी। घरों में दीये जलाए जाएंगे, आतिशबाजी भी होगी।
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, जिस क्षण का 500 वर्षों से अधिक समय से इंतजार था, वह हमारे जीवन में आने वाला है। प्रधानमंत्री , उनके नेतृत्व में उनकी कार्यशैली और शासन के कारण देश भर के लोगों और सभी को धन्यवाद। भगवान राम के भक्तों को इस खूबसूरत पल का गवाह बनने का मौका मिल रहा है। यह हमारे लिए गर्व की बात है।
यह भी पढें : चमोली में मशरूम उत्पादन (Mushroom production) काश्तकारों के लिए साबित हो रहा संजीवनी