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श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में एंट्रोस्काॅपी जांच से मरीज़ की छोटी आंत की बीमारी का उपचार

admin
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श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में एंट्रोस्काॅपी (enteroscopy) जांच से मरीज़ की छोटी आंत की बीमारी का उपचार

  • उत्तराखण्ड में केवल श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में एंट्रोस्काॅपी जाॅच उपलब्ध
  • एंट्रोस्काॅपी एक विशेष प्रकार की दूरबीन जाॅच है
  • छोटी आंत में अति सूक्षम परीक्षण कर छोटी आंत की बीमारियों का पता लगाने में कारगर

देहरादून/मुख्यधारा

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के पेट रोग विभाग में छोटी आंत के उपचार का मामला दर्ज हुआ। मरीज़ कीे छोटी आंत में अल्सर (स्माॅल बाॅल अल्सर) की परेशानी थी। बीमारी की वजह से रक्तस्त्राव व शरीर में खून की कमी हो जाती थी। इस कारण मरीज़ को बार बार खून चढ़ाना पड़ता था।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में उपलब्ध एंट्रोस्कोपी जाॅच ने एक मरीज़ की छोटी आंत के आपरेशन से बचा लिया। छोटी आंत की एंट्रोस्कोपी (enteroscopy) जाॅच उत्तराखण्ड में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में उपलब्ध है।

एंट्रोस्काॅपी एक विशेष प्रकार की दूरबीन जाॅच है जो छोटी आंत में अति सूक्षम परीक्षण कर छोटी आंत की बीमारियों का पता लगाने में कारगर है। इस मामले में भी एंट्रोस्काॅपी से यह पता चला कि छोटी आंत में अल्सर (घावों) की वजह से खून का रिसाव हो रहा था।

देहरादून निवासी 50 वर्षीय मरीज को बार बार खून चढ़ाने की आवश्यता पड़ रही थी लेकिन शरीर में खून कम होने का सही कारण पता नहीं लग पा रहा था। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के पेट रोग विभाग में मरीज़ को लाए जाने पर अस्पताल के पेट रोग विशेषज्ञ डाॅ अक्षय रावत ने मरीज़ की एंट्रोस्काॅपी जाॅच की।

यह मामला इसलिए भी विशेष है क्योंकि 6 मीटर लंबी छोटी आंत की जाॅच के लिए एंट्रोस्काॅपी एक एडवांस श्रेणी की मेडिकल जाॅच है, जो कि उत्तराखण्ड में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में उपलब्ध है। जाॅच में मरीज़ के रोग की पुष्टि होने पर उपचार जारी है। यदि समय रहते रोग का पता नहीं चल पाता तो मरीज़ की छोटी आंत का आपरेशन करना पड़ सकता था।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के गैस्ट्रोइंट्रोलाॅजी विभाग के प्रोफेसर एवम् विभागाध्यक्ष डाॅ अमित सोनी ने बताया कि कई मामलों/स्थितियों में जब एंट्रोस्कोपी उपलब्ध नहीं होती है, तो मरीजों को केवल निदान के लिए सर्जरी (इंट्राआपरेटिव एंडोस्कोपी) करानी पड़ती है। सामान्य एंडोस्कोपी की तुलना में, एंट्रोस्कोपी ऐनेस्थीदिया देकर की जाती है और प्रक्रिया को पूरा होने में एक से दो घण्टे लगते हैं।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के पेट रोग विशेषज्ञ डाॅ अक्षय रावत ने जानकारी दी कि छोटी आंत में अल्सर के उपचार के लिए विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध होने से मरीजों को दिल्ली, चण्डीगढ़ या मैट्रो शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में आंत की सभी प्रकार की बीमारियों के उपचार के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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