कार्रवाई : केदारनाथ वन प्रभाग (Kedarnath Forest Division) के मीठा पानी में 6 लोगों को वन में आग लगाते हुए रंगे हाथों पकड़ा
वन एवं वन्य जीवों की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र में लगाई थी आग
केदारनाथ/मुख्यधारा
फायर सीजन 2024 अपने चरम पर है और उत्तराखंड के जंगल वनाग्नि से धधक रहे हैं। यूं तो वनाग्नि की अधिकांश घटनाओं का कारण भूलवश बताया जाता है, किंतु लोगों द्वारा भी हर वर्ष अग्नि की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। हालांकि वे वनाधिकारियों की पकड़ में नहीं आ पाते। किंतु केदारनाथ वन प्रभाग के अंतर्गत गत दिवस 5 मई को ऊखीमठ राजि के रामबाड़ा अनुभाग की टीम को बड़ी सफलता मिली, जहां उन्होंने वन में आग लगाते हुए 6 लोगों को रंगे हाथों पकड़ा है।
मुख्यधारा को जानकारी देते हुए वन कर्मियों ने बताया कि 05 मई 2024 को ऊखीमठ राजि के रामबाड़ा अनुभाग की टीम प्रभागीय वनाधिकारी केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर के साथ सोनप्रयाग-भीमबली भ्रमण पर थी। भ्रमण के दौरान मल्ला कालीफाट कक्ष सं0 3 के स्थान मीठा पानी में 6 व्यक्तियों को वन में आग लगाते हुए मौके पर पकड़ लिया गया।
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वन कर्मियों ने जब इनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना अपना नाम क्रमश: मस्तान सिंह पुत्र बुद्ध बल्लभ सिंह, राजेन्द्र खत्री पुत्र मान सिंह, मनोज चंद्र पुत्र रामलाल, देवेन्द्र लाल पुत्र अमरू लाल, शाहिल चंद्र पुत्र विनोद चंद्र सभी ग्राम डंगवाल गांव, तहसील जखोली जनपद रुद्रप्रयाग एवं जयेन्द्र सिंह पुत्र उदय सिंह ग्राम कोटी पो0 तिमली, तहसील जखोली जनपद रुद्रप्रयाग बताया।
उक्त व्यक्तियों द्वारा लगाई गई आग को तुरंत ही वन कर्मियों की टीम द्वारा बुझा दिया गया। बताया गया कि जिस क्षेत्र में आग लगाई जा रही थी , वह वन एवं वन्य जीवों की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र है। यदि वन कर्मियों द्वारा उक्त व्यक्तियों को समय पर आग लगाते हुए नहीं पकड़ा जाता तो वन सम्पदा एवं वन्य जीवों को बड़ा नुकसान पहुंच सकता था। उक्त सभी व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत कार्यवाही की जा रही है।
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