यमुनोत्री धाम की धारण क्षमता बढ़ाने के लिए तैयार की जाए कार्ययोजना : सीएम धामी
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की बैठक लेकर दिए निर्देश, चारधाम यात्रा प्रबंधन प्राधिकरण के गठन हेतु कार्रवाई तेज करने के निर्देश
- यात्रा प्राधिकरण के पास होगी प्रदेश की समस्त यात्राओं के संचालन की जिम्मेदारी
- टिहरी झील व आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अवस्थापना संबंधी एडीबी के 1200 करोड़ के प्रोजेक्ट की निविदा प्रक्रिया तेज की जाए
- पौड़ी जिला मुख्यालय पर पर्यटन को बढ़ावा देने की संभावना तलाशने के दिए निर्देश
- केदारनाथ धाम, यमुनोत्री व हेमकुंड साहिब में रोपवे की निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए कहा
देहरादून / मुख्यधारा
मुख्यंमत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को चारधाम प्रबंधन यात्रा प्राधिकरण के गठन हेतु कार्रवाई त्वरित गति से करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने यमुनोत्री धाम में कैरिंग कैपेसिटी(धारण क्षमता) कैसे बढ़ाई जाए, इस पर भी कार्ययोजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए।
चारधाम यात्रा को कोटद्वार से संचालित करने की संभावना तलाशें, रोपवे की बाधाओं को करें दूर
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा अभी मुख्य रूप से ऋषिकेश से संचालित होती है लेकिन यहां पर बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुँचने के चलते जाम की समस्या भी बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा का संचालन किस तरह से कोटद्वार से भी किया जा सकता है, इसकी भी संभावना तलाशी जायें। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम, हेमकुंड साहिब व यमुनोत्री धाम के लिए रोपवे निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
टिहरी झील और आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एडीबी ने 1200 करोड़ रुपये का अवस्थापना संबंधी प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है। उन्होंने इसकी निविदा प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के आने से टिहरी झील के आसपास के क्षेत्र में पर्यटन तेजी से बढ़ेगा। इससे यह झील और भी अधिक आकर्षण का केंद्र बनेगी। मुख्यमंत्री ने पौड़ी जिला मुख्यालय तक पर्यटन को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोग यहां पहुँच सके और यह क्षेत्र भी सीधे पर्यटन से जुड़ सके।