विधायक मनोज रावत ने बताई विधानसभा में लोकतंत्र की एक और जीत
देहरादून/मुख्यधारा
अब प्रदेश की हजारों बालिकाओं को नंदा गौरा योजना का लाभ मिल सकेगा। केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने योजना के बीच में आ रही बाधाओं को दूर करने को लेकर विधानसभा में प्रमुखता से सवाल उठाया, जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने आश्वासन दिया है कि इस अनुपूरक बजट में नंदा गौरा योजना के लिए बजट की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही रुपए 3000 की बजाए अब रुपए 6000 मासिक आय प्रमाण पत्र के मानक होंगे, जिससे आय प्रमाण पत्र बनाने में आ रही बाधा का समाधान हो सकेगा।
किरनाहर विधायक मनोज रावत ने कहां की कई दिनों से नंदा- गौरा योजना के लाभ पाने से वंचित रह गयी बच्चियों और उनके परिजनों के उनके पास लगातार फ़ोन आ रहे थे। यह प्रश्न 6 बार बिभिन्न नियमों के तहत विधानसभा में उठा।
मैने स्वयं अन्य तरीकों के अलावा 2 बार नियम 58 में कार्यस्थगन प्रस्ताव के द्वारा नंदा- गौरा योजना के लाभ से बंचित रह गयी बच्चियों के दर्द और वेदना को विधानसभा में उठाया था। 24 अगस्त 2021 को अंतिम बार मेरे द्वारा नियम 58 में उठाये गए प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि योजना के लाभ से वंचित हर बच्ची को लाभ मिलेगा।
3 महीने बीत गए, परंतु सरकार जिन लगभग 33 हजार बच्चियों के आवेदन जमा थे, उनके लिए 50 करोड़ का इंतजाम नहीं कर पाई।
श्री रावत ने कहा कि जो बच्चियां टैब आवेदन करने से छूट गयी थी, वे भी नए आवेदन के साथ पैन कार्ड और उनके आय प्रमाण पत्र की कठिन और अव्यवहारिक शर्तों के कारण आवेदन नहीं कर पा रही थी।
विधायक मनोज रावत ने कहा कि इसलिए आज अन्य सारे महत्वपूर्ण मामलों को छोड़ते हुए मैंने नियम 58 में विधायक आदेश सिंह चौहान के साथ इन सभी विषयों को उठाया और
आज फिर विधानसभा में इस मुद्दे पर हमारी जीत हुई ।
उन्होंने कहा कि मंत्री ने आश्वासन दिया कि धन की व्यवस्था आज पेश किए गए द्वितीय अनुपूरक बजट से की जाएगी। साथ ही अब आय प्रमाण पत्र भी वर्तमान में 6000 रुपये की मानी जायेगी और वर्तमान के आय प्रमाण पत्र भी माने जाएंगे।
इसके अलावा पैन कार्ड की बाध्यता का भी परीक्षण किया जाएगा और इसे समाप्त किया जाएगा।
केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि इस तरह आज फिर विधानसभा में लोकतंत्र की एक बार और जीत हुई। आज लगभग 38 हजार गरीब बच्चियों की जीत हुई है, जिन्हें इस लाभ से वंचित रखा जा रहा था। उन्होंने नंदा गौरा योजना के लिए आवेदन करने वाली सभी बालिकाओं को बधाई दी है।
बताते चलें कि नंदा गौरा योजना का लाभ लेने के लिए कई अव्यवहारिक पक्ष सामने आ रहे थे। जिसका सबसे बड़ा कारण रुपए 3000 का मासिक आय प्रमाण पत्र के मानक का था। राजस्व उप निरीक्षकों का तर्क था कि मनरेगा की मजदूरी प्रतिदिन रुपए 202 है तो इस हिसाब से मासिक आय 6000 से अधिक बैठती है। ऐसे में वे किस आधार पर 3000 का मासिक आय प्रमाण पत्र बनाएंगे। यही कारण था कि लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता इधर से उधर भटक रहे थे, किंतु कहीं से भी समाधान नहीं निकल पा रहा था। आज विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिवस केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने इस पहलू को प्रमुखता से उठाया। जिसके परिणामस्वरूप इन बाधाओं के निस्तारण का आश्वासन दिया गया है।