महंगाई के मोर्चे पर झटका: रिटेल महंगाई(Retail inflation)के बाद अब जून माह में थोक महंगाई दर भी बढ़ी,16 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंची
मुख्यधारा डेस्क
जून में थोक महंगाई 16 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है। आज 15 जुलाई को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, जून में थोक महंगाई बढ़कर 3.36% पर पहुंच गई है। फरवरी 2023 में थोक महंगाई दर 3.85% रही थी। वहीं, मई में थोक महंगाई बढ़कर 15 महीनों के ऊपरी स्तर 2.61% पर थी। इससे पहले अप्रैल 2024 में महंगाई 1.26% रही थी, जो 13 महीने का उच्चतम स्तर था। उधर, शुक्रवार को रिटेल महंगाई में भी तेजी देखने को मिली थी।
पिछले साल के आंकड़ों का फायदा और दुनिया भर में कच्चे माल की कीमतों में थोड़ी कमी। तेल की कीमतें जुलाई 2024 में अब तक भारतीय कच्चे तेल की औसत कीमत बहुत अस्थिर रही है। यह मांग और सप्लाई के बीच असंतुलन के कारण है।
11 जुलाई तक यह $86.6 प्रति बैरल था, जो पिछले महीने से ज्यादा है। अगर तेल महंगा होता है, तो थोक महंगाई भी बढ़ सकती है। ईंधन और बिजली के दाम अभी तक ज्यादा नहीं बढ़े हैं, लेकिन कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के दाम 12.55% बढ़ गए। जून में बनी हुई चीजों के दामों में भी बढ़ोतरी देखी गई। निर्मित उत्पादों में महंगाई दर जून में 1.43% रही, जो मई के 0.78% से अधिक है।
पिछले हफ्ते जारी आंकड़ों के अनुसार, जून में खुदरा महंगाई बढ़कर चार महीने के उच्च स्तर 5.1% पर पहुंच गई।
गौर करने वाली बात है कि भारतीय रिज़र्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति बनाते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है।
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