ऋषिकेश : वार्ड 20 गंगानगर में साजिश रचकर 60 से अधिक परिवार के मतदाताओं के नाम कटवाने का आरोप! राज्य निर्वाचन आयुक्त में पहुंची शिकायत
ऋषिकेश/मुख्यधारा
नगर निगम ऋषिकेश के अर्न्तगत वार्ड संख्या 20 गंगानगर में साजिश के तहत वोटर लिस्ट में नाम कटवाने का आरोप लगाया गया है। इसके विरोध में वार्ड की पूनम गुसाई ने राज्य चुनाव आयुक्त, उत्तराखण्ड शासन, देहरादून को शिकायत की है।
इस संबंध में मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने भी कड़ा आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि मूल निवासियों के साथ इस तरह की बड़ी साजिश हो रही है। उनकी राजनीति को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन संघर्ष समिति ऐसा कदापि नहीं होने देगी। इस संबंध में निर्वाचन आयोग में शिकायत कर दी गई है। यदि शीघ्र इस पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो उनकी टीम को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
वार्ड संख्या 20 गंगा नगर ऋषिकेश निवासी पूनम गुसाई द्वारा राज्य चुनाव आयुक्त को दिए गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि नगर निगम ऋषिकेश के क्षेत्र के अन्तर्गत वार्ड संख्या 20 गंगानगर में बहुत बड़ी साजिश के तहत गंगा नगर क्षेत्र में 15 वर्षों से भी अधिक समय से रहने वाले स्थाई निवासियों के नाम वोटर लिस्ट से हटवा दिये गये हैं, जबकि विगत 15 वर्षों से अधिक समय से हर चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया, लेकिन इस बार लगभग 60 से भी अधिक परिवार के लोगों के नाम हटवा दिये गये हैं। यही नहीं अन्य वार्डों के नाम हमारे वार्ड संख्या 20 गंगानगर में जुड़वा दिए गए हैं। इसलिए साजिशकर्ता बी०एल०ओ० या अन्य कोई साजिशकर्ता पर कड़ी कार्यवाही की जाये और छूटे हुए लोगों की जाँच करवा कर शीघ्र उनका नाम जुड़वा दिया जाये, ताकि इनका वोट का अधिकार सुरक्षित रह सके और अन्य वार्डों के फर्जी नाम, जो वार्ड संख्या 20 गंगा नगर की वोटर लिस्ट में जोड़े गए हैं, उन नामों की जाँच कर शीघ्र हटवा दिये जायें।
राज्य चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया गया है कि वोटर लिस्ट में छूटे हुए 60 परिवार के नामों को शीघ्र जुड़वा कर तत्काल एक सप्लीमेन्ट्री सूची जारी की जाये, जिससे वे परिवार भी अपने मताधिकार का प्रयोग करे सकें तथा कोई भी अपना वोट डालने से वंचित न रहे और अन्य वार्डों के फर्जी नामों को जो वार्ड संख्या 20 गंगा नगर की लिस्ट में जुड़वाए गए हैं, उन्हें हटवा दिये जायें। तथा साजिशकर्ताओं पर कठोर कार्यवाही की जाये, ताकि भविष्य में कोई इस तरह की साजिश न रच सके।
इसके साथ ही यदि शीघ्र इस प्रकरण पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो उन्हें मजबूर होकर आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा।