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चिलचिलाती गर्मी के बीच मौसम विभाग ने मानसून को लेकर सुनाई खुशखबरी, इस साल 8 दिन पहले केरल में देगा दस्तक

admin
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चिलचिलाती गर्मी के बीच मौसम विभाग ने मानसून को लेकर सुनाई खुशखबरी, इस साल 8 दिन पहले केरल में देगा दस्तक

मुख्यधारा डेस्क

इन दिनों उत्तर भारत समेत देश के अधिकांश राज्यों में चिलचिलाती गर्मी का दौर जारी है। बुधवार की रात भारतीय मौसम विभाग ने इस साल मानसून को लेकर खुशखबरी सुनाई है। वैसे भी देशवासी मानसून की तारीखों का इंतजार कर रहे थे। ‌हर साल भीषण गर्मी के बाद लोगों को बारिश के सीजन का इंतजार रहता है। आखिरकार 15 मई की रात मौसम विभाग ने मानसून का अपना पूर्वानुमान घोषित कर दिया है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस साल केरल में मानसून एक दिन पहले दस्तक देने जा रहा है।

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आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि यह जल्दी नहीं है। यह सामान्य तारीख के करीब है क्योंकि केरल में मानसून की शुरुआत की सामान्य तारीख एक जून है। देश में मानसून की शुरुआत केरल से ही मानी जाती है।

मौसम विभाग के मुताबिक, 31 मई को मानसून केरल पहुंचेगा। 15 दिन बाद केरल में मानसूनी बारिश होना शुरू हो जाएगी। उसके बाद मानसून देश के अन्य हिस्सों की तरफ बढ़ेगा।

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आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि यह जल्दी नहीं है। यह सामान्य तारीख के करीब है क्योंकि केरल में मानसून की शुरुआत की सामान्य तारीख एक जून है। घोषित तारीख में 4 दिन कम या ज्यादा होने की गुंजाइश रखी गई है। यानी मानसून 28 मई से 3 जून के बीच कभी भी आ सकता है।

बंगाल की खाड़ी में अंडमान सागर और द्वीप समूह पर मानसून के दो दिन पहले यानी 19 मई को ही पहुंचने की संभावना है, जबकि वहां दस्तक देने की सामान्य तारीख 21 मई है। पिछले साल भी मानसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 19 मई को ही दस्तक दी थी, लेकिन केरल में 9 दिन देरी से 8 जून को पहुंचा था।

वहीं मौसम विभाग के डेली फोरकास्ट के मुताबिक, 16 मई से 20 मई के बीच अलग-अलग दिनों में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में हीट वेव का अलर्ट है। इसके अलावा 16 मई को असम, मेघालय, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और बिहार में उमसभरी गर्मी रहेगी। दो चक्रवाती गतिविधियां सक्रिय हैं। एक चक्रवाती प्रसार दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे केरल पर बना हुआ है। एक और चक्रवाती प्रसार उत्तरी भूमध्य-रेखीय हिंद महासागर और निकटवर्ती कोमोरिन क्षेत्र के निचले स्तरों पर जारी है। इससे 16 से 17 मई के दौरान मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा में बिजली गिरने तथा तूफानी हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

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आइएमडी के मुताबिक 18 मई तक दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में कुछ स्थानों पर गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दक्षिण हरियाणा और बिहार में 16 से 18 मई , जबकि 17 से 18 मई के बीच उत्तरी मध्यप्रदेश और पूर्वी राजस्थान में लू के आसार हैं। अगले पांच दिन उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान तीन से पांच डिग्री बढ़ने के आसार हैं।

वहीं अरुणाचल प्रदेश में 16 से 18 मई और 17 से 18 मई को असम, मेघायल में भारी बारिश हो सकती है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 17 से 19 मई के दौरान हल्की से मध्यम बारिश होगी।

इस साल देश में सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून, अच्छी बारिश फसलों के लिए लाभकारी

बता दें कि पिछले महीने आईएमडी ने बताया था कि देश में इस साल सामान्य से बेहतर मानसून रहेगा। मौसम विभाग 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है। यह फसलों के लिए अच्छा संकेत है। खरीफ की फसलें सामान्य मानसूनी बारिश पर निर्भर करती हैं। आईएमडी ने बताया कि 2024 में 106% यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है। देश के कुछ हिस्सों में अप्रैल-मई में भीषण गर्मी का सामना किया, जिसमें अधिकतम तापमान ने कई राज्यों में रिकॉर्ड तोड़ दिए और स्वास्थ्य और आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित किया। भीषण गर्मी पावर ग्रिड पर दबाव डाल रही है और जल निकायों को सुखा रही है, जिससे देश के कुछ हिस्सों में सूखे जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। इसलिए, सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश की भविष्यवाणी देश के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आई है। भारत के कृषि क्षेत्र का 52 फीसदी मानसून पर निर्भर है। यह देशभर में बिजली में बिजली के उत्पादन के अलावा पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलायशों को फिर से भरने के लिए महत्वपूर्ण है।

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आईएमडी पिछले 19 सालों से मानसून का पूर्वानुमान कर रहा है। आईएमडी के अनुसार 2005 से 2023 तक 2015 को छोड़कर पूर्वानुमान सही रहा है।

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