सावधान : जब संवाददाता से ही हो गई थी 25 हजार की ऑनलाइन ठगी। कैसे बचे बाल-बाल, जानिए साइबर ठगों का नया तरीका

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सावधान : जब संवाददाता से ही हो गई थी 25 हजार की ऑनलाइन ठगी। कैसे बचे बाल-बाल, जानिए साइबर ठगों का नया तरीका

मामचन्द शाह

यदि आप भी ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो साइबर ठगों से सावधान हो जाइए। भोले-भाले लोगों को अपनी बातों में उलझाकर ऐसे ठग नित नए-नए तरीके अपनाकर उनकी मेहनत की कमाई को उड़ा दे रहे हैं। ठगी के शिकार लोगों को जब तक इसका पता चलता है, तब तक बहुत देर चुकी होती है। ऐसा ही एक मामला आज दोपहर 26 अक्टूबर 2025 को इस संवाददाता के साथ भी घटित हुआ। आइए आपको भी ठगों के इस नए तरीके से रूबरू करवाते हैं।

दरअसल आज करीब पौने 3 बजे इस संवाददाता के मोबाइल नंबर पर एक अंजान नंबर 7873184309 से एक फोन आया और कहा कि मामचन्द शाह जी कैसे हो क्या हाल चाल हैं कहा हैं आज। इस पर संवाददाता द्वारा कहा गया कि ठीक हैं। दरअसल वह व्यक्ति संवाददाता के किसी रिलेटिव की आवाज में बात कर रहा था तो संवाददाता द्वारा कहा गया कि आपकी तो … भाई की आवाज लग रही। इस पर वह बोला कि हां भाई मैं वही बोल रहा हूं। एक्चुअली एक काम था आपसे, मैं अपने नंबर से किसी कारण से नहीं भेज सकता, इसलिए प्लीज आप ये कर दो। मैंने एक डॉक्टर को 25 हजार रुपए भेजने हैं। मैं आपके गूगल पे पर भेज रहा और आप उस डॉक्टर को गूगलपे कर दो। रिलेटिव की आवाज में बात करने वाले ठग ने कहा कि मैं अब व्हाट्सअप कॉल कर रहा हूं। इसके अलावा उसने यह भी कहा कि जिस नंबर से मैने फोन किया वह डिलीट कर दो वो किसी का नंबर था। इससे संवाददाता को साइबर ठग होने का अहसास हो गया।

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इसके साथ ही व्हाट्सअप कॉल भी आ गई। इसी बीच संवाददाता के नंबर पर एक रुपए क्रेडिट का मैसेज सेंड कर दिया। बताया गया कि एक रुपए आ गए हैं तो उसने फिर 25 हजार रुपए क्रेडिट का टेक्स्ट मैसेज भेजकर पूछा किया आ गए 25 हजार। संवाददाता ने कहा कि मैसेज तो आ गया, किंतु कॉल होने से बैलेंस चैक नहीं हो पा रहा। इस पर मैसेज आने की बात सुनते ही एक नंबर 9957286350 डायल करने को बोला कि इस पर पहले राउंड में उस डॉक्टर को 5 हजार रुपए भेज दो। वहां कोई अर्जेंट खड़ा है। उसके बाद बाकी पैसे भेज देना। संवाददाता ने कहा कि ये नंबर तो मिसमैच कर रहा है। इस पर ठग ने क्यूआर कोड पर पैसे भेजने को बोला। संवाददाता ने कहा कि ये क्यूआर कोड भी वैलिड नहीं है तो बोला कि एक मिनट रुको मैंने दूसरा क्यूआर कोड भेजता हूं। इस दौरान ठग संवाददाता को व्हाट्सकाल में ही उलझाए रखना चाहता था और दूसरी तरफ गूगल पे पर इसी दौरान पेमेंट ट्रांसफर कराना चाहता था, किंतु संवाददाता साइबर ठग के बुने गए जाल को पहले ही भांप चुका था। संवाददाता ने अपने उस रिलेटिव को भी फोन किया, जिसकी आवाज में वह ठग बात कर रहा था। वहां से सामान्य बातचीत होने पर पैसे भेजने वाली बात का कोई जिक्र नहीं हुआ।

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अब स्पष्ट हो चुका था कि वह रिलेटिव नहीं, बल्कि साइबर ठग था, जो संवाददाता को गूगल पे पर 25 हजार एक रुपए भेजने के फर्जी मैसेज बनाकर गूगल पे से 25 हजार रुपए की ठगी करना चाहता था, लेकिन उसकी चाल काम नहीं आई। इसके बाद संवाददाता ने उसके व्हाट्सएप नंबर पर काल कर हड़काते हुए कहा कि पहले अपना नाम तो बता दो, इस पर वह हड़बड़ा गया और कहने लगा कि बस एक मिनट में काल करता हूं। इससे पहले ही वह अपना नंबर स्विच ऑफ कर चुका है।

उपरोक्त घटना को पढ़कर आप समझ सकते हैं कि साइबर ठग लोगों की कमाई पर किस तरह चूना लगा रहे हैं। यदि इस संवाददाता को उसकी बातों पर संदेह नहीं होता तो वह बड़ा आर्थिक नुकसान कर सकता था।

बहरहाल, ये बातें आपके लिए भी बहुत काम की हो सकती हैं और यदि आपको भी इस तरह का कोई फोन आया तो सतर्क हो जाइए। यदि आपसे थोड़ी सी भी चूक हुई तो साइबर ठग चंद सेकेंड में आपके अकाउंट को खाली कर सकते हैं।

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