नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
‘आसमान से छूटे खजूर पर अटके’ जैसी कहावत सीएचसी पुरोला अस्पताल पर खरी उतरती नजर आ रही है। हाल ही में बमुश्किल काफी संघर्षो के बाद चार डाक्टर तैनात किए गए, लेकिन चार चिकित्सक में से एक डाक्टर ने ही ज्वाइनिंग दी है। जिसके चलते यहां के जनमानस को विशेषज्ञ डाक्टरों का कोई लाभ होता नहीं दिख रहा है।
बतातें चले काफी मश्क्कत और जद्दोजहद के बाद आखिर सीएचसी पुरोला में चार डाक्टरों की तैनाती तो हुई लेकिन अभी तक एक डाक्टर ने ही अपनी नियुक्ति दी है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ये नियुक्तियां भी महज खानापूर्ति ही साबित होगी। रक्त बैंक न होने से प्रसव के दौरान होने वाले आपरेशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
बतातें चले कि हाल ही में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुरोला में चार चिकित्सक की तैनाती की गई । जिनमें गाइनो डाक्टर किरण नेगी जो इससे पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कैम्पटी टिहरी में तैनात थी। उन्होंने आज तक सीएचसी पुरोला में ज्वाइनिंग नहीं दी है। सूत्रों का कहना है कि वे लम्बे अवकाश में जाने वाली है। जिसके चलते उनकी सेवा का लाभ बहरहाल गृभवती व प्रसव पीडित महिलाओं को मिलना दूर दूर तक नजर नहीं आ रहा है। अवकाश में जाने से पद खाली ही रहने वाला है।
वही छाती रोग विशेषज्ञ के पद पर डाक्टर कपिल तोमर की नियुक्ति हुई है जो इससे पूर्व राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय बरोथा में कार्यरत थे उन्होंने भी सीएचसी पुलोला में ज्वाइनिंग नहीं दी है। सामान्य सर्जन के पद पर तैनात डाक्टर इकरार अली ने भी ज्वाइनिंग नहीं दी है।
अस्पताल से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मजह एक मात्र डाक्टर अंकिता रावत ने ज्वाइनिंग दी है। जो निश्चेतक विशेषज्ञ है और इससे पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उतरौ में कार्यरत थी।
गौर फरमाने वाली बात यह है कि जब अस्पताल में कोई सर्जन ,गाइनों नहीं होंगे तो निश्चेतक भला करेगा भी क्या।
बहरहाल स्वास्ध्य सुविधाएं के अभाव में जब अस्पताल खुद बेहोशी की अवस्था में हो तब उसे बेहोश करने की बजाय होश में लाने की कवायद किए जाने कि महति दरकार है ।उचित स्वास्थ्य की व्यवस्था व रक्त बैंक की सुविधा न होने से प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्त निकले से कई प्रसूता महिलाओं की जान जा चुकी है।
अब देखाना यह दिलचस्प होगा कि डाक्टर की तैनाती पर श्रेय लेने वाले स्थानीय नेता व प्रतिनिधि क्या कदम उठाते हैं।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाक्टर पंकज का कहना है कि अब तक केवल निश्चेतक डाक्टर अंकिता रावत ने ज्वाइनिंग दी है।
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