वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र सिंह रावत के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाना भाजपा की बौखलाहट : कांग्रेस
- सीएम धामी से हस्तक्षेप कर मुकद्दमा वापस लेने की मांग
- भाजपा की सरकार में अभिव्यक्ति की आजादी पर भी लगाया जा रहा है पहरा
- पत्रकारों, विपक्षी दलों के नेताओं और आमजन को स्वतंत्र तौर पर अब लिखने-बोलने की भी आजादी नहीं: करन माहरा
देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार में स्वतंत्र भारत के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी को भी छीनने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों में पत्रकारों, विपक्षी दलों के नेताओं और आमजन को स्वतंत्र तौर पर अब लिखने-बोलने की भी आजादी नहीं रह गई है। हमें संविधान ने अभिव्यक्ति का जो अधिकार दिया है, भाजपा सरकारों द्वारा उस पर भी पहरा लगाया जा रहा है तथा आम जनता की बोलने की आजादी छीनने का भी प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र रावत पर जिस प्रकार मुकदमा दर्ज किया गया है, यह उत्तराखंड सरकार की बौखलाहट को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपने कार्यकाल में कुछ भी नहीं कर पाई है तथा आज जनहित में सरकार को चेताने और सरकार से प्रश्न करने वालों पर मुकदमें दर्ज कर उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश का संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार प्रदान करता है तथा जनहित में सरकार की कमियां बताने पर आज जनता की आवाज दबाना पूरी तरह से गलत व निंदनीय है, यह अभिव्यक्ति की आजादी का खुला उल्लंघन है।
करन माहरा ने कहा कि जिस प्रकार उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र रावत द्वारा फेसबुक पर जारी की गई पोस्ट को अपराध बताते हुए भाजपा सरकार के इशारे पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है, यह सिद्ध करता है कि भाजपा अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलना चाहती है और सरकार के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को सत्ता के बल पर दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार के इन कुत्सित प्रयासों से निष्पक्ष पत्रकार, कांग्रेसजन और देश की आम जनता डरने वाली नहीं है, जनहित में सरकार से सवाल करना हमारा परम कर्तव्य है कि जो हम पूरी मजबूती और शक्ति के साथ करते रहेंगे। कांग्रेस पार्टी आम जनता के हित में उठने वाली हर आवाज का समर्थन करती है और करती रहेगी।
प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने भी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के प्रहरी के रूप में वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र रावत पर सरकार से प्रश्न पूछे जाने और शासन प्रशासन की नाकामियों को मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से उजागर करने से विचलित सरकार ने मुकदमा दर्ज करवाया है, यह लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी दलों को मिलते जनसमर्थन और देश में भाजपा की खिसकती जमीन से घबराहट को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से हस्तक्षेप कर मुकद्दमा वापस लेने की मांग
उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र सिंह रावत के विरुद्ध देहरादून के थाना डालनवाला में सोशल मीडिया में उनके द्वारा की गई एक पोस्ट को लेकर भाजपा ने उनके विरुद्ध धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मुकद्दमा दर्ज करवाया है। इस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भाजपा सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए इसे प्रेस का गला घोटने के प्रयास व सत्ता का अहंकार करार देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हस्तक्षेप कर मुकद्दमा वापस लेने की मांग की है।
धस्माना ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में सोने की चादरें लगाए जाने, उसकी कीमत और वजन का बखान व प्रचार उस समय मंदिर समिति द्वारा स्वयं किया गया था और फिर कुछ दिनों बाद सोने का पीतल में बदल जाने की खबरें सामने आई। आखिर यह कैसा संभव हुआ? किंतु इस मामले में किसी प्रकार की उच्च स्तरीय जांच राज्य सरकार द्वारा नहीं करवाई गई। ऐसे में अगर कोई इस मुद्दे पर सरकार और मंदिर समिति को कटघड़े में खड़ा कर दे तो क्या सरकार और भाजपा उसके विरुद्ध धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मुकद्दमा कायम करवा देंगे। धस्माना ने दावा करते हुए कहा की मंदिर समिति के छह सदस्यों ने स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मंदिर की अववस्थाओं के बारे में ज्ञापन भेजा था और अध्यक्ष को पद से हटाने को मांग की थी। धस्माना ने कहा कि अगर गजेंद्र सिंह रावत का किसी भी प्रकार से उत्पीडऩ करने का प्रयास किया गया तो कांग्रेस इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।