दरारों से सहमा जोशीमठ! एक साल में कितने बदले हालात? डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला समुद्र तल से करीब 1800 मीटर की ऊंचाई पर बसा बदरीनाथ धाम का प्रवेश द्वार भारत का स्विटजरलैंड कहे जाने वाले औली का भी मुख्य प्रवेशद्वार […]
सचिवालय मीडिया सेंटर में पत्रकार होली मिलन समारोह (Journalist Holi Meet Ceremony) आयोजित देहरादून/मुख्यधारा शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय देहरादून द्वारा सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकार होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी […]
पानी के लिए तरस रहा गंगा-यमुना का मायका उत्तराखंड डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला भारत वासियों के लिए जीवनदायिनी और युगों युगों से अविरल बहती पतित पावनी गंगा को लेकर उत्तराखंड के की ओर से बहुत बड़ा शोध किया गया है। […]
भरत नगर (Bharat Nagar) का सपना अभी भी अधूरा डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला प्राचीनकाल से ही उत्तराखंड के लोग पराक्रम, शौर्य और देशभक्ति के लिए जाने जाते हैं। प्रथम विश्व युद्ध में दरबान सिंह और गबर सिंह जैसे वीर सैनिकों […]
हरित क्रांति के बाद पहाड़ का लाल चावल (red rice) विलुप्ति की कगार पर डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला प्राचीन ग्रन्थ चरक संहिता में भी लाल चावल का उल्लेख पाया जाता है जिसमें लाल चावल को रोग प्रतिरोधक के साथ-साथ पौष्टिक […]
जल तो नहीं मिला, जीवन भी हो गया संकटग्रस्त डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला नमामि गंगे की परियोजनाओं के उद्घाटन के समय जिस ‘जल जीवन मिशन’ योजना के मामले में उत्तराखण्ड को देश में सबसे आगे और केन्द्र सरकार से भी […]
जंगल आग से हो रहे राख नहीं टूट रही वन विभाग (Forest Department) की नींद डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला उत्तराखंड में हर साल बड़े पैमाने पर वन संपदा आग की भेंट चढ़ रही है। वर्ष 2016 से अब तक के […]
गौरैया (sparrow) पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कार्य करती है डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला हमारी सोच अब आहिस्ता-आहिस्ता बदलने लगी है। हम हम प्रकृति और जीव जंतुओं के प्रति थोड़ा मित्रवत भाव रखने लगे हैं। घर की टैरिश पर […]
अमीरों की थाली में गरीबों के भोजन को मिल रही पहचान डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला आज पूरी दुनिया उसी मोटे अनाज की तरफ पुनः वापस लौट रही है और बाजार में इन्हें’सुपर फूड’ का दर्जा दिया गया है। बाजार में […]
विश्व की सर्वश्रेष्ठ महिला गेंदबाजों की बात करे तो एकता बिष्ट का नाम हमेशा याद आता हैं डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला पहाड़ी प्रदेश और पहाड़ी जीवन कई मायनों में अलग होता है। मैदानी इलाकों में रहते हुए हम जब पहाड़ों […]