याद आए पूर्व पीएम: राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की 79वीं की जयंती पर कांग्रेस नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
देश में डिजिटल क्रांति लाने में राजीव ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका, राहुल गांधी ने लिखा भावुक पोस्ट
मुख्यधारा डेस्क
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 79वीं की जयंती धूमधाम के साथ मनाई जा रही है। राजधानी दिल्ली में कांग्रेस कांग्रेस के नेताओं ने राजीव गांधी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, रॉबर्ट वाड्रा ने उनके समाधि स्थल वीर भूमि पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। राहुल गांधी इस वक्त लद्दाख में हैं। उन्होंने पैंगोंग त्सो झील के किनारे पिता की तस्वीर पर फूल चढ़ाए। राहुल ने सोशल मीडिया पर लिखा- पापा, आपकी आंखों में भारत के लिए जो सपने थे, इन अनमोल यादों से छलकते हैं। आपके निशान मेरा रास्ता हैं, हर हिंदुस्तानी के संघर्षों और सपनों को समझ रहा हूं, भारत मां की आवाज सुन रहा हूं।
बता दे कि राजीव गांधी साल 1984 में मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। इस दौरान राजीव गांधी ने अपने कार्यों से देश की जनता के दिलोदिमाग पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। एक ही कार्यकाल में कई ऐसे कार्य किए, जिसके लिए उन्हें आज भी लोगों द्वारा याद किया जाता है। 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लिट्टे उग्रवादियों ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। राजीव गांधी ही थे, जो भारत में दूरसंचार क्रांति लाए। आज जिस डिजिटल इंडिया की चर्चा है, उसकी संकल्पना राजीव गांधी अपने जमाने में कर चुके थे. उन्हें डिजिटल इंडिया का आर्किटेक्ट और सूचना तकनीक और दूरसंचार क्रांति का जनक कहा जाता है । पहले देश में वोट देने की उम्र सीमा 21 वर्ष थी। मगर युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की नजर में यह उम्र सीमा गलत थी।
उन्होंने 18 वर्ष की उम्र के युवाओं को मताधिकार देकर उन्हें देश के प्रति और जिम्मेदार तथा सशक्त बनाने की पहल की। 1989 में संविधान के 61 वें संशोधन के जरिए वोट देने की उम्र सीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई। देश में पहले कंप्यूटर आम जन की पहुंच से दूर थे। मगर राजीव गांधी ने अपने मित्र सैम पित्रोदा के साथ मिलकर देश में कंप्यूटर क्रांति लाने की दिशा में काम किया। राजीव गांधी का मानना था कि विज्ञान और तकनीक की मदद के बिना उद्योगों का विकास नहीं हो सकता । उनकी कंप्यूटर तक आम जन की पहुंच को आसान बनाने के लिए कंप्यूटर उपकरणों पर आयात शुल्क घटाने की पहल की। भारतीय रेलवे में टिकट जारी होने की कंप्यूटरीकृत व्यवस्था भी इन्हीं पहलों की देन रही।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1946 को हुआ था
देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई (तब बंबई) में हुआ था। राजीव गांधी के पिता का नाम फिरोज गांधी और माता का नाम इंदिरा गांधी था। उनका बचपन दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में बीता। उनकी शिक्षा की बात करें तो वे कुछ समय के लिए देहरादून के वेल्हम स्कूल गए लेकिन जल्द ही उन्हें हिमालय की तलहटी में स्थित आवासीय दून स्कूल में भेज दिया गया। वहां उनके कई मित्र बने जिनके साथ उनकी आजीवन दोस्ती बनी रही। बाद में उनके छोटे भाई संजय गांधी को भी इसी स्कूल में भेजा गया जहां दोनों साथ रहे।
स्कूली शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद राजीव गांधी आगे की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए। जल्द ट्रिनिटी कॉलेज को उन्होंने अलविदा कह दिया और लंदन के इम्पीरियल कॉलेज चले गए जहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। राजीव गांधी की रुचि राजनीति में कभी नहीं रही। इंग्लैंड से घर लौटने के बाद उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा पास की और पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया। जल्द ही वे घरेलू राष्ट्रीय जहाज कंपनी इंडियन एयरलाइंस के पायलट बन गए। उनका जुनून हवाई जहाज उड़ाने का था। जिस वक्त राजीव गांधी कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर रहे है उसी वक्त उनकी मुलाकात सोनिया गांधी से हुई। सोनिया गांधी इतालवी मूल की छात्रा थीं और उस वक्त कैम्ब्रिज में अंग्रेजी की पढ़ाई कर रही थीं। दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया और फिर बात परिवार तक पहुंची और फिर दोनों ने 1968 में शादी की। राजीव गांधी और सोनिया गांधी से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उनके दो बच्चे हैं। राजीव गांधी को उस वक्त यह मालूम भी नहीं था कि आने वाला वक्त राजनीति में उनकी कैसी परीक्षा लेने वाला है।
जब 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की क्रूर हत्या कर दी गई तो उन पर फिर बड़ी जिम्मेदारी आ गई। इंदिरा की मौत के कुछ घंटे बाद ही कांग्रेस की पूरी बागडोर राजीव गांधी के हाथों में सौंप दिया गया। राजीव कांग्रेस अध्यक्ष और देश के प्रधानमंत्री बने। वह 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले सबसे कम उम्र के युवा प्रधानमंत्री थे। वे 31 अक्टूबर 1984 से 1 दिसंबर 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
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