जीवन शाह
देहरादून। कोरोनाकाल के बाद से उत्तराखंड के लिए आज मंगलवार का दिन बेहद खराब रहा। आज एक ही दिन में रात्रि आठ बजे के हैल्थ बुलेटिन जारी होने तक विभिन्न जनपदों से 15 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसी के साथ अब प्रदेश में कोरोना आंकड़ा 111 पहुंच गया है।
रात्रि आठ बजे जारी हैल्थ बुलेटिन के अनुसार अब तक कुल 12353 जांच के लिए सेंपल लिए गए, जिनमें से 12244 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
आज पहाड़ी जनपद पौड़ी में सुबह-सुबह एक मामला पाया गया था। उसके बाद तो बागेश्वर जैसे कोरोनाविहीन जनपद में भी कोरोना मामले सामने आए हैं।
मंगलवार को आज कुल 15 मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई। पहाड़ी जनपदों में भी कोरोना की सेंध से जिला प्रशासन की भी मुसीबत बढ़ गई है।
आज अलग-अलग स्थानों से 15 कोरोना संक्रमित पाए गए। जिसके बाद प्रदेश में अब कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा शतक पार करते हुए 111 पर पहुंच गया है।
आज मिले संक्रमितों में पौड़ी जनपद से 2 मामले सामने आए। इसके अलावा 2 मामले बागेश्वर जिले से आए हैं। एक मामला चमोली से आया है। 7 मामले नैनीताल जिले से आए हैं, जबकि 3 मामले उधम सिंह नगर जनपद से आया हैं। से सभी लोग बाहरी राज्यों से लौटकर उत्तराखंड आए हैं।
बताते चलें कि अब तक 52 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। हालांकि अब तक एक कोरोना संक्रमित महिला ने ब्रेन हेमरेज के कारण एम्स में अपनी जान भी गवांई है।
बताते चलें कि लॉकडाउन दो के दौरान एक बार बीच में ऐसी भी स्थिति आई, जब लगातार छह दिनों तक कोई भी मरीज सामने नहीं आए थे, वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में भर्ती मरीज रोजाना स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होते जा रहे थे। उस समय लग रहा था कि अब उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार थम रही है, लेकिन ऐसी स्थिति ज्यादा दिनों तक नहीं रही। लॉकडाउन तीन के अंतिम सप्ताह में तो एक-एक दिन में छह-छह और यहां तक कि 10 मरीज भी सामने आ चुके हैं। आज इन मामलों ने नया रिकार्ड बना दिया है। अब एक दिन में 15 मरीज सामने आए हैं। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।
कोरोना के इसी कोहराम के कारण प्रदेशवासियों की चिंता स्वाभाविक है, लेकिन प्रवासियों को पहले प्रदेश के भीतर लाना और तत्पश्चात सौ फीसदी सफलतम क्वारंटीन करवाना भी बड़ी चुनौती है। हालांकि अभी तक कम्युनिटी के भीतर कोरोना संक्रमण नहीं जा पाया है, लेकिन एक छोटी सी चूक भी सुरक्षित माने जाने वाले पहाड़ी जनपदों के वाशिंदों पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में प्रवासियों उत्तराखंडियों को चाहिए कि वह नियमों का पालन करते हुए अपनी व अपने गांव व समाज की चिंता को देखते हुए विकट परिस्थिति में सहयोग करे। प्रवासियों को छोटी-मोटी दिक्कतें होनी भी स्वाभाविक है, लेकिन वर्तमान समय हर किसी के लिए मुश्किलों का डटकर सामना करने का है।
उत्तराखंड में 15 मार्च को पहला आंकड़ा आने के बाद से कोविड-19 जिस स्लो मोशन के साथ आगे बढ़ रहा था, प्रवासियों के आगमन के बाद अचानक उसने स्पीड पकड़ी और अब महज आठ-दस दिनों के अंतराल में ही यह आंकड़ा शतक पार पहुंच गया है। इससे निश्चिततौर पर जहां सुदूरवर्ती ग्रीन जनपद पौड़ी, चमोली, बागेश्वर व उत्तरकाशी की नींद उड़ गई है, वहीं उन अन्य जिलों की भी बेचैनी बढ़ गई है, जहां से अब तक कोई संक्रमित मामला सामने नहीं आया है।