देहरादून। आखिरकार उत्तराखंड सरकार के 3 साल पूरे होने पर 18 मार्च को होने वाले जश्न कार्यक्रम भयानक बीमारी कोरोना की भेंट चढ़ गया है। हालांकि सरकार की पूरी इच्छा थी कि इस 3 साल पूर्ण होनेेे वाले कार्यक्रम का जश्न भव्य तरीके से मनाया जाए, लेकिन विपक्ष ने इस कार्यक्रम पर सवाल उठाए तो आखिरकार सरकार को इसको स्थगित करना पड़ा।
सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार के इस कार्यक्रम पर सवाल उठाया था। उसके बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी सरकार के जश्न कार्यक्रम पर सवाल खड़ा किया। ऐसे में प्रदेश सरकार ने यह कार्यक्रम स्थगित करना ही उचित समझा।
हालांकि अभी तक प्रदेश में कोरोना वायरस का कोई पॉजिटिव मरीज नहीं पाया गया है, लेकिन इससे निपटने की लिए उत्तराखंड पूरी तरह अलर्ट है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि कोरोना पर कड़ी निगरानी रखने के लिए प्रदेश व जिले स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम गठित की गई है।
बढती जा रही पाॅजीटिव मरीजों की संख्या। अब तक दो की जान गई
देश में लगातार बढ़ रही कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए संकट बढ़ता जा रहा है। अब तक इस भयानक बीमारी से 2 लोग अपनी जान गवां चुके हैं, जबकि विभिन्न राज्यों में 80 से अधिक लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है।
यही नहीं देश और दुनिया में अब तक 5000 से अधिक लोगों ने इस बीमारी से अपनी जान गंवा दी है, जबकि करीब डेढ़ लाख लोग इस बीमारी की चपेट से जूझ रहे हैं।
देश में कोरोना से पहली मौत कर्नाटक की एक बुजुर्ग की हुई थी। उसके बाद दिल्ली के एक हॉस्पिटल में एक बुजुर्ग महिला की भी मौत हो गई है।
इस भयानक बीमारी को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भी इसे महामारी घोषित कर दी है। ऐसे में इस बीमारी के खौफ से देश सहित उत्तराखंड में भी लोग सहमे हुए हैं। हालात यह हैं कि सिनेमा हॉल से लेकर भीड़भाड़ वाले इलाके और स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। यही नहीं आगामी 3 अप्रैल तक देश में कोई भी फिल्म रिलीज नहीं होगी।
उत्तराखंड में कोरोना से बचाव के लिए आगामी 31 मार्च तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं और विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।