नाबालिग की मौत पर संदेह का पर्दा, 20 दिन बाद भी लटकी है पुलिस जांच
- त्यूणी क्षेत्र के रघुवाड खेड़ा की घटना
- मृतका के पिता ने दर्ज करवाया है मुकदमा
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी पुलिस नहीं कर रही खुलासा
- मौखिक में परिजनों को बता रही खुदखुशी का मामला
- परिजनों को नहीं उपलब्ध करवाई पीएम रिपोर्ट
त्यूणी / मुख्यधारा / नीरज उत्तराखंडी
थाना त्यूणी के अंतर्गत गांव कूणा के रघुवाड खेड़ा में 4 जून की सुबह 14 वर्षीय नाबालिग राधिका का शव टौंस नदी के किनारे शीशम के एक पेड़ के नीचे संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। पेड़ पर उसका कुर्ता लटका मिला इस मामले में मृत्तक राधिका के पिता ने हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस को तहरीर दी लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
पहले पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद कार्रवाई बात कह रही थी और अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी परिजनों को नहीं सौंपी जा रही। फिलवक्त लोगों में रोष है।
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घटना 4 जून की है। कक्षा दसवीं की छात्रा खेड़ा रघुवाड में रहकर पढ़ाई के साथ पशुपालन में मदद करती थी। वह बचपन से ही अपनी नानी के घर रहती थी। उसका पाल पोषण और शिक्षा दीक्षा उसकी नानी के घर रघुवाड़ में हुई। 4 जून को राधिका का शव जंगल में शीशम के पेड़ के नीचे मिला । पुलिस मौके पर पहुंची और मौत का कारण प्रथम दृष्टया आत्महत्या बताया। अब यहां सवाल उठता है कि राधिका क्यों आत्महत्या करेगी। राधिका के पिता जगत सिंह ने हत्या की आशंका जताई।
पिता जगत सिंह का कहना है कि राधिका की हत्या कर पेड़ तक पहुंचाय गया।
थानाध्यक्ष आशीष रवियान कहना है कि कॉल डिटेल फोन लोकेशन निकाली जा रही है और पूछ ताछ की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिला कानूनी करवाई की जाएगी।
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फिलवक्त सवाल उठता है कि 4 जून से पुलिल अब तक फोन कॉल तक नहीं निकाल पाई और न ही मामले की जांच पूरी कर पाई है। ऐसे में पुलिस की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में है।