रुद्रप्रयाग के स्यूंर, स्यूंरबांगर निवासी दिव्यांग विनोद सिंह व उनकी पत्नी दिव्यांग विनीता देवी सरकारी मदद का इंतजार करते-करते थक गए हैं, लेकिन कहीं से भी उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है।
ें कि रुद्रप्रयाग के स्यूर, स्यूर्बगर निवासी दोनों पति-पत्नी विनोद सिंह व विनीता देवी दोनों दिव्यांग हैं। वह बीपीएल परिवार की श्रेणी में आते हैं। सरकारी तंत्र से मदद की गुहार लगा चुके हैं, बावजूद इसके उन्हें कहीं से भी मदद नहीं मिल पा रही है।
यही नहीं विनोद सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय से भी मदद की गुहार लगाई। वहां से उत्तराखंड मुख्य सचिव को उचित कार्यवाही के लिए पत्र आया, लेकिन काफी समय गुजर जाने के बाद भी उस पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
विनोद सिंह की समाज सेवा की भावना देखिए, खुद मुफलिसी में जी रहे हैं, लेकिन उनकी तरह किसी और दिव्यांग भाई-बहिनों को जीवनयापन का संकट न झेलना पड़े, इसलिए वह दिव्यांग बच्चों को भीरी में नि:शुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण दे रहे हैं।
विनोद सिंह कहते हैं कि दिव्यांग होने के नाते उन्होंने इस पीड़ा को महसूस किया और अन्य दिव्यांगों की समस्या को देखते हुए एक छोटा सा कंप्यूटर सेंटर खोला, ताकि कोई भी दिव्यांग भाई-बहिन स्वरोजगार का हुनर सीखकर किसी अन्य पर निर्भर न रहे। यही नहीं उन्होंने यह काम पलायन रोकने के उद्देश्य से भी शुरू किया है, ताकि स्थानीय युवा कंप्यूटर सीखकर यहां के बच्चों का भविष्य तराशकर यहीं पर रोजगार भी कर सकेंगे।
विनोद सिंह बताते हैं कि काफी प्रयास के बावजूद इसके लिए मुझे आज तक कोई सहयोग नहीं मिल पाया है। यदि थोड़ी सी आर्थिक मदद मिलती तो वह अपने प्रशिक्षण केंद्र को व्यवस्थित कर सकते थे और फर्नीचर व कंप्यूटर खरीदकर गरीबों की मदद कर सकते थे।
विनोद सिंह बताते हैं कि थक हारकर उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई। ऐसे में उनका उत्साह कम होता जा रहा है।
यही नहीं क्षेत्रीय विधायक भरत चौधरी से भी विनोद सिंह कई बार मदद की मांग कर चुके हैं, लेकिन उनकी ओर से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है।
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अब देखना यह है कि उन्हें आर्थिक मदद कब तक मिल पाती है।