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दीपोत्सव (Diwali festiwal 2022) : देशभर में दीपावली की धूम, कई शुभ संयोग के साथ मनाया जाएगा रोशनी का पर्व, जानिए शुभ मुहूर्त और लक्ष्मी-गणेश की विशेष पूजा का सही समय

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(Diwali festiwal 2022) देशभर में दीपावली की धूम, कई शुभ संयोग के साथ मनाया जाएगा रोशनी का पर्व

देहरादून/मुख्यधारा

प्रकाश पर्व दीपावली आज पूरे देश भर में धूमधाम के साथ मनाई जा रही है। दीपावली पर्व (Diwali festiwal 2022) को लेकर लोगों में उत्साह है। इस मौके पर लोग एक दूसरे को बधाई शुभकामनाएं संदेश भी भेज रहे हैं।

बाजारों में हर तरफ सजावट है। लोगों के घरों में आज शाम की दीपावली के लिए खास तैयारियां हो रही हैं। बाजारों में भारी भीड़ उमड़ रही है। दीपावली की तैयारी बहुत दिनों पहले पहले से होने लगती है। दिवाली पर लोग अपने घरों, प्रतिष्ठानों को फूलों, रंगोली, दीयों, मोबत्तियों और तोरण से सजाते हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री ने रोशनी के पर्व दीपावली पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। अयोध्या, चित्रकूट और चारधाम में हजारों श्रद्धालु दीपावली मनाने पहुंच चुके हैं। ‌

भगवान राम वनवास पूरा करके जब अयोध्या लौटे थे तभी से यह दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। ‌यह त्योहार हिंदूओं का प्रमुख त्योहार है। दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि दो दिन यानी 24 और 25 अक्टूबर को है। पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि रविवार को शाम 5 बजकर 4 मिनट से प्रारंभ हो रही है और यह तिथि अगले दिन 25 अक्टूबर सोमवार को शाम 4 बजकर 35 मिनट तक मान्य है‌ ।

25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। 24 अक्टूबर सोमावर को हस्त नक्षत्र के बाद चित्रा नक्षत्र और विष्कुंभ योग में दिवाली पूजन और दीपदान करना बेहद शुभ होगा। दिवाली पर भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा अमावस्या तिथि में रात्रि के समय होती है। 2000 साल बाद दीपावली पर बुध, गुरु, शुक्र और शनि खुद की राशि में रहेंगे। साथ ही लक्ष्मी पूजा के समय पांच राजयोग भी रहेंगे। ये ग्रह योग सुख-समृद्धि और लाभ का संकेत दे रहे हैं। इसलिए इस बार दिवाली बहुत शुभ रहेगी।

दीपावली पर शुभ मुहूर्त और लक्ष्मी-गणेश की विशेष पूजा का यह है समय

दीपावली(Diwali festiwal 2022) पर शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष रूप से पूजा की जाती है। दीपावली पर घरों को रंगों, फूलों और रंगीन रोशनी से सजाया जाता है। प्रकाश के पर्व की शाम को लोग दीए, मोमबत्तियों जलाकर मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारियां करते हैं। दीपावली पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को है।

शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन से हर कमाना पूरी होती है और सुख-समृद्धि और धन वैभव की प्राप्ति होती है। लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त- शाम 06:54 से 08:16 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन की अवधि- 1 घंटा 21 मिनट. प्रदोष काल- शाम 05:42 से रात 08:16 मिनट तक।

वृषभ काल- शाम 06: 54 से रात 08: 50 मिनट तकदिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती बहुत ही शुभ और फलदायी मानी जाती है। माता लक्ष्मी की आरती 16 पंक्तियों में हैं। आरती के समय इन पंक्तियों का उच्चारण करें।‌‌ ध्यान रहे कि आपका स्वर मध्यम होना जरूरी है। देवी की आरती में वाद्य यंत्र का भी प्रयोग किया जा सकता है।

आरती का दीपक शुद्ध घी से प्रज्वलित किया जाना चाहिए। इन दीपों की संख्या 5, 9, 11 या 21 हो सकती है। ये दीप घड़ी के काटों की तरह लयबद्ध होने चाहिए। मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहन कर करनी चाहिए। काले, भूरे और नीले रंग के कपड़ों से परहेज करें।

दीपावली (Diwali festiwal 2022) पर मां लक्ष्मी के उस चित्र या प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए जिसमें वह गुलाबी कमल के पुष्प पर बैठी हों। साथ ही उनके हाथों से धन बरस रहा हो। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम होगा।

पूजा के लिए माता लक्ष्मी की नई मूर्ति की स्थापना करें। लक्ष्मी को स्थापित करने से पहले भगवान गणेश की स्थापना करें।

 

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