देवभूमि का बढ़ाया मान : इस बार पद्म पुरस्कारों से वंचित रहा उत्तराखंड को मानसखंड (Manaskhand) झांकी ने कर दी भरपाई, देश में मिला प्रथम पुरस्कार
शंभू नाथ गौतम
इस बार गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले यानी 25 जनवरी को देश में पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई थी। इसमें अधिकांश राज्यों की राजनीतिक, कला, सिनेमा जगत समेत कई क्षेत्रों में जानी-मानी हस्तियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कार देने का एलान किया गया।
पद्म विभूषण 6, पद्मभूषण 9 पद्मश्री 91 हस्तियों को देने की घोषणा की गई। पदम पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है।
झांकी
इन पुरस्कारों में इस साल उत्तराखंड की झोली खाली रही, लेकिन आज उत्तराखंड में गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 17 राज्यों की निकाली गई झांकी में उत्तराखंड की झांकी मानसखंड ने पूरे देश भर में पहला पुरस्कार प्राप्त किया है।
यह पुरस्कार मिलने के बाद पद्म पुरस्कारों उत्तराखंड का खालीपन जरूर भर गया है। मानस खंड झांकी को पूरे देश में प्रथम पुरस्कार मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खूब उत्साहित दिखाई दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है।
पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है। स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है। जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है।
बता दें कि कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड की दिव्य और भव्य मानसखंड की झलक दिखी थी।
मानसखंड (Manaskhand) झांकी के अगले और मध्य भाग में कॉर्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरण, बारहसिंघा, घुरल, मोर समेत विभिन्न पक्षी दिखाई दिए। झांकी के पिछले भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर समूह और देवदार के वृक्षों को दिखाया गया।
इसके अलावा उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ को भी झांकी के माध्यम से दिखाया गया। झांकी के साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए छोलिया नृत्य का दल शामिल किया गया।
इस दौरान उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर आधारित थीम सॉन्ग पर कलाकार झूमते नजर आए। भारत सरकार को भेजे गए झांकी का विषय मानसखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुझाया था। उन्होंने मंदिर माला मिशन के अंतर्गत मानसखंड के रूप में इस विषय का सुझाव दिया था।