अच्छी खबर: खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग (Food Civil Supplies Department) के खाद्यान गोदामों के अनुरक्षण व क्रेटस निर्माण के लिए जारी हुई 8 करोड़ से अधिक धनराशि
- 8 करोड़ से अधिक की धनराशि से सुधरेगी खाद्य आपूर्ति विभाग के खाद्यान गोदाम
- खाद्य विभाग के खाद्यान गोदामों की सुधरेगी दशा व दिशा, मजबूत होगी सार्वजनिक वितरण प्रणाली: रेखा आर्या
देहरादून/मुख्यधारा
उत्तराखण्ड शासन द्वारा खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अंतर्गत राज्य सेक्टर में संचालित अवस्थापना परियोजनाओं के Funding for faster implementataion of important projects including Missing Link Projects के अंतर्गत खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के विभिन्न जनपदों के 36 खाद्यान्न गोदामों के अनुरक्षण एवं 06 गोदामों में क्रेटस के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी।
जिसमें खाद्यान गोदामों के अनुरक्षण हेतु प्रदेश के पर्वतीय जनपद पौड़ी गढ़वाल के 05 खाद्यान गोदाम, टिहरी गढ़वाल के 06, चंपावत के 03, उत्तरकाशी के 09, नैनीताल के 06, बागेश्वर 07 खाद्यान गोदाम व उत्तरकाशी जनपद के 06 गोदामों के क्रेटस निर्माण के कार्य हेतु धनराशि जारी की गई है।
उक्त अनुरक्षण कार्यों एवं क्रेटस के निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रथम किश्त के रूप में रू० 8,77,37,000/- (रूपये आठ करोड़ सतहत्तर लाख सैंतीस हजार मात्र) की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी है।
आपको बता दें कि प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के खाद्यान गोदामों की मरम्मत हेतु विभाग की बहुत लंबे समय से मांग थी। क्योंकि यह खाद्यान गोदाम लगभग 1960-70 के दशक में यह निर्मित हुए थे जिससे अब यह जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हो गए है। जिससे विभाग को खाद्यान भंडारण हेतु काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जिससे अब खाद्यान विभाग को गोदामों की मरम्मत होने से काफी राहत मिल पाएगी। जिससे गोदामों में खाद्यान अब सीलन व बारिश आदि से खराब होने से बच जाएगा एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली मजबूत होगी।
वहीं खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने खाद्य विभाग के खाद्यान गोदामों के अनुरक्षण व क्रेटस निर्माण हेतु धनराशि जारी करने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हार्दिक आभार एवं धन्यवाद दिया।
वहीं खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि खाद्यांन गोदामों के अनुरक्षण हेतु उक्त धनराशि जारी होने पर अब हमारे खाद्य विभाग को व राशन डीलर भाइयों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा एवं खाद्यान खराब होने से बच जाएगा एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली मजबूत होगी।