- माता-पिता ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डाॅक्टरों, नर्सिंग स्टाफ व अस्पताल प्रबन्धन का जताया आभार
- आयुष्यमान योजना के अन्तर्गत हुई सर्जरी, माता पिता ने बहुउपयोगी स्वास्थ्य योजना के लिए तीरथ सिंह रावत सरकार का जताया आभार
- बच्ची का वजन 6 किलोग्राम, शरीर के कुल वजन का 15 प्रतिशत ट्यूमर होना अप्रत्याशित
- मेडिकल साइंस में इस बीमारी को रिट्रोपैरीटोनियल टेरेटोमा कहते हैं।
- विकासनगर निवासी महिला ने 2 महीने पहले बच्ची के पेट में महसूस की थी गांठ
- 2 घण्टे तक चले जटिल आपरेशन में 800 ग्राम का ट्यूमर निकाला
देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डाॅक्टरों ने आठ महीने के बच्चे के पेट से ट्यूमर निकालकर बच्ची (लड़की) को नया जीवन दिया। बच्ची का वजन 6 किलोग्राम है शरीर के कुल वजन का 15 प्रतिशत ट्यूमर एक अप्रत्याशित मामला है। आमतौर पर इतने छोटे बच्चों में 800 ग्राम वजन का ट्यूमर नहीं होता है। बच्ची के माता पिता बेहद गरीब परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। बच्ची का आपरेशन आयुष्मान योजना के अन्तर्गत हुआ। बच्ची के माता पिता ने अस्पताल के डाॅक्टरों, अस्पताल प्रबन्धन व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के प्रति आभार व्यक्त किया।
विकासनगर निवासी एक महिला ने 2 महीने पहले अपनी बच्ची के पेट में एक बड़ी गांठ को महसूस किया। बच्ची का पेट अप्राकृतिक रूप से बढ़ रहा था। महिला ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ शिशु शल्य सर्जन डाॅ मधुकर मलेठा से परामर्श लिया। सीटी स्कैन कराने पर पाया गया कि ट्यूमर बच्चे के पूरे शरीर में फैला हुआ है।
अभिभावकों के साथ परामर्श के बाद डाॅक्टर मधुकर मलेठा ने बच्ची की सर्जरी की सलाह दी। 2 घण्टे तक चले जटिल आॅपरेशन के बाद 800 ग्राम के ट्यूमर को निकाला गया। मेडिकल साइंस में इस बीमारी को रिट्रोपैरीटोनियल टेरेटोमा कहते हैं। बच्चे के परिवार बेहद है आयुष्मान योजना के अन्तर्गत बच्ची का आपरेशन किया गया।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ अनिल कुमार धवन ने कहा कि आयुष्मयान योजना से अस्पताल में प्रति माह सैकड़ों की संख्या में मरीज़ लाभान्वित होते हैं। यह सरकारी की महत्वपूर्णं स्वास्थ्य योजना है। गरीब व जरूरतमंद मरीजों को अस्पताल में आयुष्मान योजना की गाइडलाइन के अनुसार हर सम्भव उपचार उपलब्ध करवाया जाता है। आपरेशन टीम में डाॅ सौरभ, एनेस्थीसिया विभाग, डाॅ सुरभी, सिस्टर रत्ना, सिस्टर श्रीति, सिस्टर जानकारी आदि शामिल रहे।