“मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के नेतृत्व में सिंगटाली पुल निर्माण हेतु 27 अप्रैल को ऐतिहासिक जन-आंदोलन”
ऋषिकेश/मुख्यधारा
मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति की ओर से 27 अप्रैल 2025 को सिंगटाली में एक शांतिपूर्ण जन विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है।
मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने कहा कि यह आंदोलन केवल एक पुल के लिए नहीं, बल्कि पूरे पहाड़ के आत्मसम्मान, विकास, और पीढ़ियों के भविष्य की लड़ाई है। 19 वर्षों से अधूरी पड़ी इस परियोजना ने क्षेत्र के लोगों को विकास, चिकित्सा, शिक्षा और रोज़गार के अवसरों से वंचित रखा है। अब चुप रहने का समय समाप्त हो गया है। यह आंदोलन केवल सिंगटाली घाटी का नहीं, बल्कि पूरे गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र की आकांक्षाओं और अधिकारों की आवाज़ है।
मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति की तरफ से इस जन-आंदोलन में सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों, समाजसेवी संगठनों, मातृशक्ति, युवा वर्ग और गढ़वाल एवं कुमाऊं के जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है।
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मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने जागरूक नागरिकों, सामाजिक संगठनों, युवाओं, महिलाओं एवं जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे 27 अप्रैल को सिंगटाली घाटी पहुँचकर इस ऐतिहासिक आंदोलन का हिस्सा बनें और पहाड़ के विकास की इस निर्णायक लड़ाई में अपना योगदान दें।
समिति ने इस बार चेतवानी भी जारी करते हुए कहा कि यदि इस बार भी सिंगटाली की आवाज़ को अनसुना किया गया, तो चारधाम यात्रा की राहें भी सिंगटाली की चुप्पी की भेंट चढ़ सकती हैं।
गौरतलब है कि सिंगटाली पुल गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ेगा और इसके साथ ही इससे देहरादून से रामनगर (नैनीताल) की दूरी करीब 45 किमी कम होगी। पौड़ी जनपद के 7 विकासखंडों के एक हजार से अधिक गांवों को लाभ मिलेगा। क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। इसके साथ-साथ आपातकालीन चिकित्सा सुविधा तक त्वरित पहुँच सुनिश्चित करेगा और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था सशक्त करेगा।