Header banner

कैसे आएगा सशक्त भू-क़ानून, अधिकारियों ने ही लूट ली जमीनें

admin
m 1 8

कैसे आएगा सशक्त भू-क़ानून, अधिकारियों ने ही लूट ली जमीनें

  • सरकार में निहित हो अवैध रूप से खरीदी गई ज़मीन
  • पौंधा में 250 वर्ग मीटर ज़मीन खरीदने का भी हुआ खुलेआम उल्लंघन
  • अनुसूचित जाति और गोल्डन फॉरेस्ट की ज़मीन पर प्लाटिंग कर अधिकारियों को बेच दी गई ज़मीन

देहरादून/मुख्यधारा

मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने उच्चाधिकारियों पर भूमि कानूनों के प्रावधनों का उल्लंघन कर ज़मीन खरीदने पर हल्ला बोला है। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग करते हुए अवैध रूप से ली गई ज़मीन को सरकार में निहित करने की मांग की है।

देहरादून प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि विकासनगर तहसील के पौंधा में करीब 300 बीघा जमीन में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के लिए आवासीय कॉलोनी बनाई जा रही है। इसके लिए प्रोपर्टी डीलर एससी माथुर और इंद्र सिंह ने अवैध रूप से अनुसूचित जाति के लोगों के साथ ही गोल्डन फॉरेस्ट की जमीनों की रजिस्ट्री की और बाद में इस ज़मीन को अधिकारियों को बेच दी गई। उन्होंने कहा कि पौंधा ग्रामीण क्षेत्र है और यहां पर बाहरी व्यक्ति (गैर कृषक) को 250 वर्ग मीटर तक ही ज़मीन खरीदने की छूट है। लेकिन यहां पर इस प्रावधान का उल्लंघन खुलेआम किया गया।

यह भी पढ़ें : एक देश एक चुनाव : देश में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने को लेकर भाजपा में क्यों है उत्साह तो विपक्ष क्यों नाराज

उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी सोनिका सिंह ने अपने पति और देवर के नाम यहां पर 500 वर्ग मीटर ज़मीन खरीदी है। इसके साथ ही धर्मवीर चौधरी ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के नाम जमीनें खरीदी है। जबकि परिवार में एक सदस्य को ही ज़मीन खरीदने की छूट है। कनम्मा लोगानाथ ने 999 वर्ग मीटर, मनुज गोयल ने स्वयं एवं अपनी पत्नी विपाशा शर्मा के नाम 500 वर्ग मीटर, संजीव कुमार जिंदल ने अपनी पत्नी रितु जिंदल के नाम 405 वर्ग मीटर, सौजन्या 500 वर्ग मीटर, अमित कटारिया ने दो प्लॉट 374 वर्ग मीटर और 249 वर्ग मीटर खरीदे हैं। इस तरह अन्य कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने अवैध रूप से यहां जमीनें खरीदी है।

मोहित डिमरी ने कहा कि पौंधा में अनुसूचित जाति के लोगों की भी ज़मीन खरीदी गई है। जबकि यूपी जमींदार विनाश व भूमि सुधार अधिनियम की धारा 157ए में स्पष्ट प्रावधान है कि जिलाधिकारी की अनुमति के बिना एससी की ज़मीन कोई भी नहीं खरीद सकता। यहां बिना अनुमति के ही एससी की कई बीघा ज़मीन खरीद ली गई। इसके अलावा गोल्डन कॉरेस्ट कि जमीन जिसे सरकार में निहित किया गया, इस पर भी धड़ल्ले से अवैध रजिस्ट्री हुई है। जबकि गोल्डन फॉरेस्ट की ज़मीन का मामला राजस्व कोर्ट में विचाराधीन है और प्रोपर्टी ट्रांसफर एक्ट की धारा 54 में स्पष्ट प्रावधान है कि सब ज्यूडिस मामले में किसी भी ज़मीन को खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है।

यह भी पढ़ें : विभिन्न मुद्दों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने किया राजभवन मार्च

इसके साथ ही तत्कालीन एडीएम एसके बरनवाल ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा था कि भूमि सुधार अधिनियम की धारा 161 का अनुपालन नहीं किया गया। इसमें अनुसूचित जाति की जमीन को एक्सचेंज करने की अनुमति नहीं ली गई है। जिस कारण सभी ज़मीन राज्य सरकार में निहित हो गई है। लेकिन तत्कालीन डीएम सोनिका सिंह ने इस रिपोर्ट का संज्ञान नही लिया।

पूर्व गढ़वाल कमिश्नर (आईएएस) एसएस पांगती और पूर्व सैन्य अधिकारी पीसी थपलियाल ने कहा कि प्रदेश के उच्चाधिकारी ही ज़मीन की लूट में शामिल हैं तो कैसे उम्मीद करें कि मजबूत भू-क़ानून आएगा ? जिस तरह मनोज तिवारी, राजा भैया की जमीन सरकार में निहित करने की कारवाई चल रही है, उसी तरह अधिकरियों द्वारा अवैध रूप से ली गई जमीनें भी सरकार में निहित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि क़ानून में किये गए प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा तो मजबूत भू-क़ानून की उम्मीद करना बेईमानी सा लगता है।

यह भी पढ़ें : अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से आर अश्विन ने लिया सन्यास

पांगती ने कहा कि उत्तराखंड में भू कानून जटिल हो गया है। हमारी कृषि भूमि को उद्योग के नाम पर औने-पौने दाम में खरीदा जा रहा और यहां आवासीय कॉलोनी बन रही है। राजस्व प्रशासन यहां खत्म हो गया है। राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारी ही जमीनों को खुर्द-बुर्द करवा रहे हैं। जब तक सरकार की नीयत सही नहीं होगी, ज़मीन इसी तरह लुटती रहेगी। इस मौके पर संघर्ष समिति के समन्वयक प्रमोद काला, पूर्व सैनिक एकता अभियान के प्रदेश अध्यक्ष निरंजन चौहान, समिति के सदस्य नमन चंदोला, समिति के युवा इकाई के प्रभारी आशीष नौटियाल आदि मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अच्छी खबर: सरकारी विभागों में स्थानीय उत्पादों (local products) की खरीद के आदेश जारी

अच्छी खबर: सरकारी विभागों में स्थानीय उत्पादों (local products) की खरीद के आदेश जारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्यसचिव ने जारी किए निर्देश देहरादून/मुख्यधारा राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभाग और सरकारी कार्यालयों में आयोजित होने समारोहों, […]
p 1 54

यह भी पढ़े