नई शिक्षा नीति (New education policy) के क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका : प्रो ओoपीoएसo नेगी - Mukhyadhara

नई शिक्षा नीति (New education policy) के क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका : प्रो ओoपीoएसo नेगी

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नई शिक्षा नीति (New education policy) के क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका : प्रो ओoपीoएसo नेगी, कुलपति, मुक्त विवि

  • देहरादून में आयोजित हुआ उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ का राज्य स्तरीय सम्मेलन
  • अध्यक्ष, भूपाल सिंह करायत एवं महामंत्री, प्रशांत मेहता के साथ नवीन द्विवार्षिक कार्यकारिणी निर्वाचित

देहरादून/मुख्यधारा

उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ का द्वितीय द्विवार्षिक सम्मेलन 2023, उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के संबद्ध संस्थान तुलाज इंस्टिट्यूट देहरादून में तकनीकी विश्वविद्यालय कर्मचारी आयोजक मंडल के संयोजन में सफलतापूर्वक आयोजित हुआ, जिसका उद्घाटन उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोo ओoपीoएसo नेगी एवं अति विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा सलाहकार उत्तराखंड शासन प्रोo एमoएसoएमo रावत द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रोo ओoपीoएसo नेगी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपेक्ष्य में विश्वविद्यालय की संरचना में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों के सर्वस्व उन्नयन में कर्मचारियों की सहभागिता एवं अनुभव को महत्वपूर्ण कारक बताया। इसके साथ ही उनके द्वारा कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु विश्वविद्यालय तथा शासन की सकारात्मक पहल का विश्वास व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय को मजबूती देने हेतु कर्मचारी संवर्ग को धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा सलाहकार उत्तराखंड सरकार प्रोo एमoएसoएमo रावत द्वारा भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन एवं विभिन्न नियामक संस्थाओं के विश्वविद्यायों की ग्रेडिंग और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय की बेहतर स्थिति बनाए जाने में एक इकाई ककी रूप में विश्वविद्यालयों के बेहतर संचालन और योजनाओं के क्रियान्वयन में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ ही उच्च शिक्षा नीति के छात्र केंद्रित बनाने में कर्मचारियों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया।

सम्मेलन को अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के महासचिव कोलकाता स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय के अंजन कुमार घोष एवं बिहार विश्वविद्यालय के राघवेंद्र सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओं के निदान हेतु शासन से बेहतर सकारात्मक पहल की अपील की।

सम्मेलन में राज्य के प्रमुख कर्मचारी संगठनो के पदाधिकारी भी शामिल हुए जिनमें उत्तराखंड सचिवालय संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा, उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट, उत्तराखंड मिनिस्ट्रयल फेडरेशन के अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल सहित कई कर्मचारी प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

सम्मेलन में राज्य के 12 विश्वविद्यालयों के 200 से अधिक कर्मचारी प्रतिनिधियों ने शिरकत की। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा संगठन के मुख्यपत्र/ई पत्रिका हिमाद्री का भी विमोचन किया गया। साथ ही सम्मेलन में मुख्य अतिथि द्वारा हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय के कर्मचारी नेता और समाजसेवक राजेंद्र सिंह भंडारी एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के कर्मचारी नेता और राज्य आंदोलनकारी भूपाल सिंह करायत को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन दीपक सुद्रियाल और लक्ष्मण रौतेला ने किया।

सम्मेलन के द्वितीय सत्र में संगठन की नवीन कार्यकारिणी का निर्वाचन भी निर्विरोध संपन्न हुआ, जिसमें कुमाऊं विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कर्मचारी नेता भूपाल सिंह करायत को अध्यक्ष, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी के भारत नैनवाल एवं उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय देहरादून के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के आठ पदों हेतु महिला उपाध्यक्ष पद पर आयुर्वेद विश्वविद्यालय की आनंदी शर्मा के साथ गढ़वाल विश्वविद्यालय के मनोज रतूड़ी, भरसार विश्वविद्यालय के धन सिंह नेगी, संस्कृत विश्वविद्यालय के सुभाष पोखरियाल, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रमोद कुमार, पंतनगर विश्वविद्यालय से राकेश भट्ट, अल्मोड़ा विश्वविद्यालय से देवेंद्र धामी तथा कुमाऊं विश्वविद्यालय से विपिन चंद्र निर्वाचित हुए।महामंत्री पद पर दून विश्वविद्यालय के प्रशांत मेहता निर्वाचित होने में सफल हुए।

वहीं संयुक्त सचिव के चार पदों पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के देवीदत्त लखेड़ा, कुमाऊं विश्वविद्यालय के गणेश बिष्ट, मुक्त विश्वविद्यालय के विमल चौहान, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गैरोला निर्वाचित हुए वहीं प्रांतीय संगठन मंत्री पद पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रकाश तिवारी, संस्कृत विश्वविद्यालय के विनोद कुमार, कुमाऊं विश्वविद्यालय के नवल बिनवाल, आयुर्वेद विश्वविद्यालय की सुनीता चंद तिवारी निर्वाचित हुए।

वहीं कोषाध्यक्ष की एक पद पर अल्मोड़ा विश्वविद्यालय की देवेंद्र पोखरिया तथा प्रांतीय प्रवक्ता के पद हेतु उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के चंद्रमोहन पैन्यूली निर्वाचित हुए।

संगठन के समस्त निर्वाचित पदाधिकारी को मुख्य चुनाव अधिकारी बहादुर सिंह बिष्ट एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी कुंवर सिंह जलाल द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण के पश्चात अपना नियुक्त कार्यकारिणी द्वारा संगठन के मुख्य संरक्षक हेतु गढ़वाल विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कर्मचारी नेता राजेंद्र सिंह भंडारी तथा संरक्षक पद हेतु कुमाऊं विश्वविद्यालय की कुलदीप सिंह को नामित किया गया और दो कार्यकारी अध्यक्षों के पदों पर तकनीकी विश्वविद्यालय के दीपक सुंदरियाल तथा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के भारत नैनवाल को मनोनीत करने की घोषणा की गई।

नवगठित कार्यकारिणी के निर्वाचन संपन्न होने के बाद सभी कर्मचारियों द्वारा खुशी व्यक्त की गई और कार्यक्रम की सफल आयोजन में भरपूर सहयोग देने हेतु तुलाज संस्थान के निदेशक एवं प्रबंधन को संगठन द्वारा बहुत-बहुत धन्यवाद दिया गया।

सम्मेलन में प्रमुख रूप से तकनीकी विश्वविद्यालय के मुख्य संयोजक चंद्र सिंह बगियाल, कार्यक्रम संयोजक दीपक सुंद्रियाल, आयोजक सचिव देवेंद्र बिष्ट सहित संयोजक मुकेश पांडे, पंकज गोयल, आरoएसo नेगी, अनुबुसूयाल मुयाल, फुरकान अली, अमित सिंह, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के विवेक मोहन जोशी, शैलेश सेमवाल, खेमानंद भट्ट दून विश्वविद्यालय से हरीश अंडोला, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से डॉ हरिश बिष्ट, मुक्त विश्वविद्यालय से हेम चंद्र छिमवाल, प्रकाश परिहार, राहुल बिष्ट, कुमाऊं विश्वविद्यालय से नंदा वल्लभ पालीवाल, दीपक बिष्ट, राजेंद्र ढैला, अमित कुमार, अल्मोड़ा विश्वविद्यालय से कैलाश छीमवाल, राजेंद्र राणा, पंतनगर विश्वविद्यालय से भूपेश कबड़वाल, अनिल कुमार गुरुकुल विश्वविद्यालय से सत्य प्रकाश मलिक, संस्कृत विश्वविद्यालय से विनोद कुमार, सुभाष पोखरियाल सहित भारी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए।

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