Health : श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में चार वर्षीय बच्चे को मिली संजीवनी। जन्मजात हृदय संरचना विकार की सफल सर्जरी - Mukhyadhara

Health : श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में चार वर्षीय बच्चे को मिली संजीवनी। जन्मजात हृदय संरचना विकार की सफल सर्जरी

admin
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देहरादून/मुख्यधारा

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में एक 4 वर्षीय बच्चे की जन्मजात हृदय संरचना विकार की सफल सर्जरी की गई है। 4 वर्षीय आदित्य जन्मजात हृदय सरंचना विकार से पीड़ित था। यह बच्चा एक गरीब परिवार से है, कई अस्पतालों में दिखाने के बाद भी बीमारी की सही पहचान व इलाज नहीं हो पाया। लोगों ने उन्हें दिल्ली के किसी बड़े अस्पताल में जाकर इलाज करवाने की सलाह दी।

इसी दौरान परिवार की परिचित श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की प्रोफेसर सर्जरी, डॉ0 मधुलता राणा ने उन्हें श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल आकर इलाज करवाने की सलाह दी। इस पर परिवार बच्चे को लेकर इलाज हेतु श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल पहुॅंचे, जहॉं उन्होंने अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोवैस्क्युलर एवम् थौरेसिक सर्जन डॉं0 अरविन्द मक्कड़ से सम्पर्क किया।

यहॉं अस्पताल के हृदय रोग विभाग की टीम के साथ डॉं0 अरविन्द मक्कड़ ने मरीज की सभी जॉंचे कर बीमारी का सटीक पता लगाया। डॉ0 अरविन्द मक्कड़ व उनकी टीम ने आदित्य की सफल सर्जरी की।

‘‘4 वर्ष के इस बच्चे को जन्मजात हृदय संरचना विकार था। मेडिकल भाषा में इसे कॉन्जीनाईटल सयानॉटिक हार्ट डिज़ीज-टोटल एनोमलस पल्मोनरी वीनस कनेक्शन कहा जाता है। इस बीमारी में फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह सुचारू नहीं रहता और शरीर में सदा ऑक्सीजन की कमी बनी रहती है। यह कमी शरीर के सभी अंगों जैसे दिमाग, गुर्दे, जिगर आदि पर बुरा असर डालती है।

इस बीमारी से ग्रसित बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास समान्य बच्चों से पीछे रह जाता है। इसके लक्षणों में मुख्य रूप से जल्द थकान, वजन न बढ़ना और नाखुनों (म्यूकस मैम्ब्रेन) का नीला रहना शामिल है। इन बच्चों को बार-बार अस्पताल में दाखिल होकर इलाज कराने की आवश्यकता पड़ती है।

डॉं0 मक्कड़ व अस्पताल की हृदय रोग टीम जिसमें डॉं0 तनुज भाटिया, डॉ0 ऋचा शर्मा आदि शामिल थे, ने बीमारी का सही निदान किया व ऑपरेशन की विस्तृत रूप-रेखा तैयार की। अस्पताल की हृदय वक्षीय शल्य चिकित्सा टीम ने बच्चे का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया।

ऑपरेशन के बाद बच्चा तीन दिनों तक अस्पताल में आई0सी0यू0 में रहा और फिर स्वस्थ होकर घर गया। फॉलोअप जॉचों में भी बच्चा स्वस्थ पाया गया व एक सामान्य जीवन जी रहा है। मरीज का पूरा उपचार आयुष्मान योजना के अंर्तगत किया गया, जो कि पूर्णतः निःशुल्क था। मरीज निम्न-मध्यमवर्गीय परिवार से है, अतः आयुष्मान के अंर्तगत गुणवत्तापरक उपचार होना उसके लिए सोने पर सुहागा था।”

डॉं0 अरविन्द मक्कड़,
एम0एस0, एम0सी0एच0 (सी0टी0वी0एस0)
एफ0आई0ए0सी0एस0, एफ0आई0सी0एस0
वरिष्ठ कार्डियोथैरेसिक एवम् वैस्क्युलर सर्जन
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, देहरादून।

इस जटिल ऑपरेशन की सफलता पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्री महंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने डॉं0 अरविन्द मक्कड़ व उनकी टीम को बधाई दी व उत्साहवर्धन किया।

डॉं0 अरविन्द मक्कड़ के साथ-साथ इस जटिल ऑपरेशन की सफलता में एनऐस्थीसिया विभाग की डॉं0 रोबिना मक्कड़, डॉं0 शिवेता एवम् ऑपरेशन व आई0सी0यू0 टीम के स्टाफ का विशेष योगदान रहा।

ज्ञातव्य है कि डॉं0 अरविन्द मक्कड़ उत्तराखण्ड के अग्रणी व 20 साल से ज्यादा अनुभव वाले कार्डियोथोरेसिक वैस्क्युलर सर्जन हैं, जिन्हें 4,000 से ज्यादा सफल कार्डियक सर्जरी करने का अनुभव है। उत्तराखण्ड राज्य की सर्वप्रथम सफल ऑपरेशन हार्ट सर्जरी करने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है।

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