देहरादून/मुख्यधारा
कलम के धनी वरिष्ठ पत्रकार नीरज उत्तराखंडी (neeraj uttarakhandi) को एक बार फिर से बेहतरीन पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया है। इससे पहले भी श्री उत्तराखंडी को उमेश डोभाल पुरस्कार सहित कई पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव हासिल हो चुका है
चंद समय में पुरस्कार पाने या हथियाने की होड़ दौड़ के इस दौर में जब ऊंची पहुंच, पहचान व सिफारिश पुरस्कार पाने के मानकों में शुमार होने लगे हों, तो कुछ संगठनों ने जमीन पर काम करने वाली पुरस्कार और सम्मान की हकदार प्रतिभाओं को मंच के माध्यम से पहचान देने का काम कर रहे हैं, वह सराहनीय है। वीआईपी प्रेस क्लब ऐसी ही प्रतिभाओं को सम्मान देती है, जो इसके वास्तविक हकदार हैं।
वीआईपी प्रेस क्लब, देहरादून नगर निगम में गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में बेहतरीन पत्रकारिता के लिए वरिष्ठ पत्रकार नीरज उत्तराखंडी(neeraj uttarakhandi) को सम्मानित किया गया है।
इस सम्मान की कड़ी में पुरोला निवासी वरिष्ठ पत्रकार नीरज उत्तराखंडी(neeraj uttarakhandi) के 25 वर्ष पूर्व शुरू हुए सिफर से शिखर तक के सफर, संकल्प, समर्पण, अर्पण और संघर्ष को विभिन्न राजनैतिक सामाजिक सरोकारों से जुड़ी शख्शियतों की गरिमामयी मौजूदगी में सम्मानित कर एक नई ऊंचाई व विस्तार देकर उनकी जिम्मेदारी और जबावदेही को और अधिक बढाया है। इसके लिए नीरज उत्तराखंडी ने वीआईपी प्रेस क्लब का तहेदिल से हार्दिक आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया है।
श्री उत्तराखंडी(neeraj uttarakhandi) कहते हैं कि एक बार फिर आप के प्यार, सहयोग, सानिध्य और आर्शीवाद का सम्मान हुआ है।
या देवि सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणं संस्तितां नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। उन्होंने विद्या, बुद्धि व ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी मां शारदे को नमन करते हुए वीआईपी प्रेस क्लब के वार्षिक सम्मान समारोह में अतिथि के रूप में विराजमान विभिन्न राजनैतिक सामाजिक सरोकारों से जुड़ी सभी हस्तियों को दिल से आभार जताया है।
साथ ही वीआईपी प्रेस क्लब के पदाधिकारियों का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया।
नीरज उत्तराखंडी(neeraj uttarakhandi) मुख्यधारा को बताते हैं कि वीआईपी प्रेस क्लब ने विभिन्न सामाजिक सरोकारों से जुड़ी पहाड़ों की कंदाराओं में छुपी गुमनाम प्रतिभाओं को मंच के माध्यम से सम्मानित कर उनके कार्यों को पहचान दिलाने व उनके उत्साह बढ़ाकर नई उर्जा प्रदान करने का काम किया है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार नीरज उत्तराखंडी (neeraj uttarakhandi) ने अपनी एक कविता के माध्यम से सम्मानित होने की खुशी इस प्रकार बयां की:-
न स्वयं को उछाला
न किसी को गिराया
कटा जिन्दगी का सफर
मगर धीरे -धीरे !
लोग जहां पहुंचे
छलांग लगा कर
हम भी वहां पहुंचे
मगर धीरे-धीरे !!
तरक्की की फसल
हम भी काट लेते !
थोड़े से तलवे
अगर हम भी चाट लेते !!
बस मेरे लहजे में
जी हुजूर न था !
इसके सिवा
मेरा कोई कसूर न था !!
अगर जरा सा भी मैं
बे-जमीर हो जाता !
यकीन मानिए
मैं भी कब का
अमीर हो जाता !!
नीरज उत्तराखंडी(neeraj uttarakhandi) कहते हैं कि हमने पत्रकारिता के इस सफर में समझौतों की बजाय सच्चाई सामने लाने और निर्भीकता और निष्पक्षता के साथ संघर्ष, नेताओं से काम व निधि और निर्माण विभागों से ठेके हासिल करने की बजाय पत्रकारिता के सिद्धान्तों को बनाये रखने तथा नोट नहीं, नाम व प्रसिद्धि पाने तथा खबर छिपाने की बजाय छापने की पत्रकारिता पर भरोसा कर जोखिम बखूबी झेला है।