चमोली। कर्णप्रयाग-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए पूरी तरह से सुचारू कर दिया गया है। कल रात्रि को पहाडी से मलवा एवं वोल्डर आने के कारण बद्रीनाथ मोटर मार्ग पागलनाला, टंगणी, लामबगड, हनुमानचट्टी, भनेरपानी सहित कई स्थानों पर अवरुद्ध हुआ था। लामबगड़ में सुबह 9ः30 बजे तथा भनेर पानी में सुबह 10ः34 ही मार्ग को सुचारू कर दिया गया था, जबकि पूरे मोटर मार्ग को युद्व स्तर पर कार्य करते हुए दोपहर 2ः30 बजे तक यातायात के लिए सुचारू बनाया गया। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़ में जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ को तैनात रखा है। वही अवरूद्ध गोपेश्वर-मण्डल-चोपता मोटर मार्ग भी यातायात के लिए पूरी तरह सुचारू कर दिया गया है।
वहीं जनपद में कर्णप्रयाग-ग्वालदम, कर्णप्रयाग-गैरसैंण तथा जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग यातायात के लिए सुचारू बने हुए हैं। जनपद में बुधवार को 26 ग्रामीण मोटर मार्ग बारीश के कारण पहाड़़ी से मलवा आने से अवरूद्ध हुए थे। जिनमें से 14 मोटर मार्ग यातायात के लिए सुचारू हो चुके हैं, जबकि 12 अवरुद्ध मोटर मार्ग को खोलने का काम लगातार जारी है।
जनपद में भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त विद्युत लाईन एवं पोलों को भी ठीक कर लिया गया है। जिला प्रशासन की टीम क्षतिग्रस्त सड़क, विद्युत एवं पेयजल लाईन सहित जरूरी सेवाओं को सुचारू करने में लगातार जुटी है।
जिले के तहसील चमोली 14.6 मिमी, जोशीमठ में 21.2 मिमी, कर्णप्रयाग में 1.5 मिमी, पोखरी में शून्य मिमी, थराली में 4.00 मिमी, गैरसैंण में 3.0 मिमी तथा घाट में 33.0 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। जिले की प्रमुख नदियों में अलकनन्दा नदी का जल स्तर खतरे के निशान 957.42 मी0 के सापेक्ष 954.10 मी0, नन्दाकिनी नदी का जल स्तर खतरे के निशान 871.50 मी0 के सापेक्ष 868.42 मी0 तथा पिण्डर नदी का जल स्तर खतरे के निशान 773.00 मी0 के सापेक्ष 769.70 मी0 के स्तर पर बह रही हैं। ये सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही है।
बद्रीनाथ धाम की यात्रा जारी है। अभी तक बद्रीनाथ धाम में 9169 तीर्थयात्री भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर चुके है। मंगलवार को 265 तीर्थयात्रियों ने बदीनाथ के दर्शन किए। लामबगड़ में अक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध होता है और यहां पर पहाड़ी से बोल्डर गिरने का खतरा बना रहता है। इसके दृष्टिगत जिला प्रशासन ने लामबगड़ चौकी में 24 घंटे एसडीआरएफ की टीम तैनात रखी है।