केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में शराब के साथ पकड़े जाने पर छह युवकों के खिलाफ मामला दर्ज - Mukhyadhara

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में शराब के साथ पकड़े जाने पर छह युवकों के खिलाफ मामला दर्ज

admin
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गोपेश्वर/मुख्यधारा

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अंतर्गत गोपेश्वर राजि के सिरोली अनुसुया चैक पोस्ट पर छह युवकों के शराब के साथ पकड़े जाने पर उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। तीर्थधामों तथा वन्य जीव अभ्यारण्य के भीतर श्रद्धालुओं/पर्यटकों से मदिरा इत्यादि प्राप्त होना दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है।

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अमित कंवर ने बताया कि 5 जुलाई को केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के गोपेश्वर राजि के अंतर्गत सिरोली अनसुया चैक पोस्ट पर तैनात नरेन्द्र सिंह रावत, वन आरक्षी द्वारा कुछ व्यक्तियों का एक दल के साथ सिरोली अनसुया पैदल मार्ग पर जाते हुए देखा गया। इस पर चैक पोस्ट पर तैनात स्टाफ ने तत्काल संदिग्धता के आधार पर दल के सदस्यों को परिचय पत्र (आधार कार्ड/आई0डी0 पू्रफ) मांगा गया। परिचय पत्र से ज्ञात हुआ कि सभी छात्र 17 से 19 वर्ष आयु तक के हैं।
वन कर्मियों द्वारा उनसे पूछताछ की गई तो उक्त छात्रों के पास से 6 देशी शराब व 4 बियर की बोतलें बरामद की गयी। प्रथम दृष्टि से तीर्थधामों तथा वन्य जीव अभ्यारण्य के भीतर श्रद्धालुओं/पर्यटकों से मदिरा इत्यादि प्राप्त होना दण्डनीय अपराध है।

डीएफओ ने बताया कि अभ्यारण्य में वर्जित वस्तुओं को ले जाने पर विक्की रावत, अभिविश्व रावत, दिव्यांशु रावत, शिवम रावत, आदित्य पांडे, अभय पंवार, निवासी श्रीनगर गढ़वाल, के विरुद्ध भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा-32 के तहत वन अपराध (एच-2) भी दर्ज किया गया है। उक्त युवकों से मौके पर रुपए पाँच हजार का जुर्माना भी वसूला गया। इसके अलावा 6 विदेशी शराब एवं 4 बियर की बोतलें जब्त की गयी हैं। यही नहीं उन्हें भविष्य में इस प्रकार का अपराध न करने की चेतावनी भी दी गयी।

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डीएफओ कार्यालय के अनुसार यात्रा मार्ग/अभ्यारण्य क्षेत्र में प्लास्टिक गिराना, लाउड स्पीकर से ध्वनि प्रदूषण फैलाना, वन्य जीवों के वास स्थल से छेड़छाड़ करना, निर्धारित स्थलों से हटकर कैम्प स्थापित करना, मादक पदार्थों का प्रयोग करना, वन विभाग द्वारा स्थापित वाउण्डरी पिल्लरों एवं अन्य सूचना चिन्हों को नुकसान पहुंचाना आदि भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, भारतीय वन अधिनियम 1927 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत एक दण्डनीय अपराध है। इन चीजों का अनुपालन न करने की दशा में संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जा रही है।

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