जून में दस्तक : इस बार केरल में चार दिनों बाद पहुंचेगा मानसून(monsoon), मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी - Mukhyadhara

जून में दस्तक : इस बार केरल में चार दिनों बाद पहुंचेगा मानसून(monsoon), मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी

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जून में दस्तक : इस बार केरल में चार दिनों बाद पहुंचेगा मानसून(monsoon), मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी

मुख्यधारा डेस्क

पूरे देश में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच मौसम विभाग ने मंगलवार को मानसून को लेकर अपडेट जारी किया है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में होगा थोड़ा विलंब होगा। इसके चार जून को दस्तक देने की संभावना है।

भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून का आगे बढ़ना केरल के ऊपर मानसून के आरंभ से चिन्हित होता है और यह एक गर्म और शुष्क मौसम से वर्षा के मौसम में रूपांतरण को निरुपित करने वाला एक महत्वपूर्ण संकेत है।‌ जैसे जैसे मानसून उत्तर दिशा में आगे की ओर बढ़ता है, इन क्षेत्रों को चिलचिलाती गर्मी के तापमान से राहत मिलने लगती है। मानसून के समय से सक्रिय होने का भारत के लिए खास महत्व है। इसमें देरी होने की स्थिति में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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खास तौर पर इससे किसान प्रभावित होते हैं और उनकी बुवाई और खेती पर असर पड़ता है। मानसून केरल से शुरू होकर देश के बाकी हिस्सों में सक्रिय होता है। ऐसे में अगर केरल में मानसून के आगमन में देरी हो जाए तो देश के बाकी हिस्सों की स्थिति समझी जा सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक मानसून चार दिन की देरी से केरला पहुंचेगा। मानसून अनुमानित 1 जून को केरला पहुंचता है लेकिन इस बार लेकिन इस बार 4 दिन की देरी से केरल पहुंचेगा।

ताजा जानकारी के मुताबिक 4 जून को मानसून केरल में बरसेगा। पिछले साल यानी 2022 में मानसून 29 मई को केरल पहुंचा था। वहीं 2021 में यह 1 जून को पहुंचा था। इस साल मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बीते महीने यह जानकारी दी थी।

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अगर बारिश सामान्य रहती है तो देश में फूड ग्रेन प्रोडक्शन भी नॉर्मल रहेगा। यानी इससे महंगाई से राहत मिल सकती है। देश में किसान आमतौर पर 1 जून से गर्मियों की फसलों की बुआई शुरू करते हैं। ये वो समय होता है जब मानसून की बारिश भारत पहुंचती है। फसल की बुआई अगस्त की शुरुआत तक जारी

रहती है। वर्षा सिंचित कृषि भारत के कृषि परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसमें शुद्ध खेती क्षेत्र का 52 प्रतिशत इस पद्धति पर निर्भर है। यह देश के कुल खाद्य उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत है, जो इसे भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनाता है।

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आईएमडी ने पिछले महीने कहा था कि भारत में अल नीनो की स्थिति के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।अभी तापमान 40 डिग्री से ऊपर चल रहा है और दिनों दिन इसके और अधिक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

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