नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
पुरोला नगर क्षेत्र में स्थित पुरोला मोरी मोटर मार्ग पर बना अस्थायी कूड़ा डंपिंग जोन गंदगी के साथ ही बंदरों व अन्य पशुओं के लिए अड्डा बना है, जिसके कारण दर्जनों गांवों से आवाजाही के साथ ही हिमांचल, मोरी के सांकरी, हरकीदून व केदारकांठा जाने वाले पर्यटकों को भी खासी परेशानी से आवाजाही करने की मजबूरी है।
पुरोला नगर पंचायत बने लगभग 7 वर्षों से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक नगर पंचायत के पास स्थायी रूप से कूड़ा डंपिंग जोन नहीं है। जिस कारण न ही एकत्रित कूड़े का सेग्रिगेशन हो पा रहा है और न ही कोपेक्टर कर कूड़े को रिसाइक्लिंग के लिए भेज पा रहे हैं। कई बार कूड़े का अंबार इस कदर हो जाता है कि आसपास जंगल व पुरोला-मोरी मोटर रोड में बन्दर कूड़े को फैला देते हैं। नतीजन बुरी तरह से आसपास बदबू उड़ने लगती है व बन्दरों और आवारा कुत्तों से राहगीरों को आवागमन में बड़ी परेशानी हो जाती है
यही नहीं इस डंपिंग क्षेत्र से होकर सुनाली, श्रीकोट, घुँडाडा आदि कई गांवों के बच्चे पुरोला नगर क्षेत्र के इंटर कॉलेज आदि विद्यालयों में पढ़ने को हमेशा आवागमन करते हैं, जो कि बंदरों व आवारा कुत्तों की दहशत झेलने को मजबूर हैं।
आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर इस डंपिंग जोन से आवागमन में बड़ी परेशानी हो जाती है, वहीं आये दिन दुर्गंध फैल जाती है। बरसात व गर्मियों में तो बहुत ही बुरी हालात हो जाते हैं और ढलान होने के कारण कूड़े की गंदगी नीचे की ओर कमल नदी तक पँहुच जाती है।
वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी का कहना है कि स्थायी डंपिंग ज़ोन के लिए राजस्व विभाग के साथ मिलकर जगह चिन्हित की जा चुकी है, जो कि फारेस्ट क्लेयरेंस के लिए वन विभाग में लंबित है। वन विभाग से क्लेयरेंस होने पर जल्दी ही स्थायी डंपिग जोन का कार्य शुरू करवाया जाएगा, जबकि डंपिंग जोन के लिए नगर पंचायत के पास बजट उपलब्ध है।