सेना ने किया शहीद घोषित, परिजन अभी भी मान रहे ड्यूटी पर
देहरादून। बीती जनवरी से कश्मीर के अनंतनाग से ड्यूटी के दौरान पाक सीमा पर लापता हुए देहरादून के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी की पत्नी अजीब दुविधा में फंस गई है। सेना ने एक पत्र के माध्यम से उनके पति को शहीद घोषित कर दिया है, लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं है कि उनके पति शहीद हो गए हैं, बल्कि उन्हें अभी भी यकीन है कि उनके पति अभी भी ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे में परिजन भी धर्मसंकट में फंस गए हैं कि बिना पार्थिव शरीर देखे अपने बेटे को शहीद कैसे मान लें! इस हृदय विदारक घटना को सुन हर कोई स्तब्ध है।
बताते चलें कि 8८ जनवरी 2020 के दिन गैरसैंण निवासी और वर्तमान में देहरादून के अंबीवाला गुरुद्वारा के पास रहने वाले ११वीं गढ़वाल राइफल के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी कश्मीर अनंतनाग में तैनात थे। वहां एवलांच में उनका पैर फिसल गया और वह पाकिस्तान की सीमा की ओर कहीं गिर गए। सेना की ओर से उनकी काफी खोजबीन की गई, लेकिन वह तभी से लापता हैं। हवलदार के परिजनों ने भी प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर रक्षामंत्री तक उनका पता लगाने की गुहार लगाई, लेकिन कहीं से भी उम्मीद की किरण नहीं दिखीं।
परिजन बताते चलें कि सेना की ओर से भी उन्हें कोई साफ-साफ नहीं बताया रहा है। हवलदार की पत्नी राजेश्वरी अभी भी इंतजार में बैठी है कि उनके पति एक दिन जरूर घर लौटेंगे, वहीं परिजनों का कहना कि जब तक उनका पार्थिव शरीर नहीं दिखाया जाएगा, तब तक वह अपने बेटे को शहीद नहीं मान सकते।
बहरहाल, स्थिति यह है कि लापता हवलदार राजेंद्र नेगी और उनके परिजन अजीब दुविधा या धर्मसंकट में फंस गए हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि बिना पार्थिव शरीर के कैसे अपने बेटे को शहीद की श्रेणी में स्वीकार किया जाए और यदि नहीं मानते तो सेना की ओर से तो शहीद मान ही लिया गया है। ऐसे में उनके पास अब स्थिति खड़ी हो गई है।