अजब-गजब: यहां शहीद स्मारक प्रवेश द्वार (Martyr Memorial Kheda) हवा के झोंके से ही हो गया धराशायी, पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट ने घटिया निर्मांण पर उठाए गंभीर सवाल
यमकेश्वर/मुख्यधारा
स्थानीय मुद्दों पर हमेशा जनता की आवाज़ बुलंद करने वाले पूर्व सैनिक क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा सुदेश भट्ट ने यमकेश्वर विकासखंड के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों को कटघरे में खड़ा किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यमकेश्वर विकाशखंड में विकाश कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार विकाश खंड के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक सारी सीमांयें लांघ चुका है। जिसके अंतर्गत पूर्व में सोलर लाईटों की बड़ी गड़बड़ी एवं आज फिर बेमौसमी बर्षात ने अभी कुछ दिन पहले ही बने शहीद स्मारक प्रवेश द्वार, जो कि खेड़ा में बनाया गया था हवा के झोंके से ही धराशायी हो गया।
पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट ने इस तरह के विकाश को सैनिकों के नाम पर खिलवाड़ बताते हुये बताया कि ये जाँच का विषय है। उन्होंने स्पष्ट बताया कि वो लगातार सदन में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन ब्लाक प्रशासन व यहाँ के शीर्ष नेतृत्व की मिलीभगत से आज क्षेत्र में घटिया निर्माण खूब फल फूल रहे हैं।
यदि निर्मांण कार्य किसी आम ठेकेदार का हो तो प्रशासन द्वारा उसे खुब चक्कर कटाये जाते हैं, लेकिन जब ईस तरह के घटिया निर्मांण होते हैं व उसमें ब्लाक के शीर्ष नेता शामिल हों तो विभागीय कर्मचारी दवाब के चलते बिना सर्वे किये ही योजनाओं पर अंतिम मोहर लगा देते हैं और उसी का नतीजा है कि इस तरह के घटिया निर्मांण फल फूल रहे हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यहाँ पर ज़िम्मेवार जन प्रतिनिधि ही ठेकेदारों की सूची में पंजीकृत हैं व परंपरागत ठेकेदारों के आगे आजीविका की समस्या खड़ी हो रही है।
उन्होंने कई बार सदन की बीडीसी बैठक में भी इस सवाल को गंभीरता से उठाया कि कोई भी जन प्रतिनिधि अपने ही विभाग की ठेकेदारी कैसे कर सकता है, लेकिन विकासखंड द्वारा हमेशा इस तरह के सवालों को नज़र अंदाज किया गया। उसी का ज्वलंत उदाहरण है कि बेमौसमी बर्षात में शहीद स्मारक हवा के हल्के झोंके में ही धराशायी हो गया।
उन्होंने इस घटिया निर्मांण पर गंभीर सवाल उठाते हुये यमकेश्वर के अंतर्गत हुये पिछले चार सालों से हुये तमाम विकास कार्यों की जाँच की माँग करते हुये स्थानीय युवाओं से सहयोग की अपील करते हुये क्षेत्र हित में आगे आने का आह्वान किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि यहाँ पर निर्माण कार्यों के नाम पर पार्टनरशिप की ठेकेदारी भी खूब फल-फूल रही है, जिससे क्षेत्र गर्त की ओर जा रहा है।