Header banner

विपक्ष के तीखे हमलों के बाद बैकफुट पर आए मंत्री सतपाल महाराज

admin
s t

विपक्ष के तीखे हमलों के बाद बैकफुट पर आए मंत्री सतपाल महाराज

  • बोले- आवेदन पर आपत्ति है तो मैं अपने पुत्र से आवेदन वापस लेने का आग्रह करूंगा
  • पारदर्शिता के बावजूद अनावश्यक विवाद पैदा करने की कोशिश की गई

देहरादून/मुख्यधारा

टिहरी झील में क्रूज बोट संचालन हेतु कुल छह लोगों में उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र सुयेश रावत का नाम क्वालीफाई किए जाने के बाद टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण द्वारा जैसे ही पत्र जारी किया गया, वह सोशल  मीडिया पर वायरल हो गया। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सहित सामाजिक चिंतकों ने भी इस मामले में पर्यटन मंत्री की जमकर आलोचना की। इस मामले को अत्यधिक तूल पकड़ते देख भराड़ीसैंण विधानसभा के मानसून सत्र का अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाने के बाद देहरादून पहुंचने से पहले ही मंत्री महाराज बैकफुट पर आ गए और उन्होंने अपना पक्ष रखा।
पर्यटन मंत्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण द्वारा टिहरी बांध जलाशय में क्रूज बोट संचालन हेतु आवेदन मांगे गए थे, जिसमें 25 लोगों द्वारा आवेदन किया गया और जांच के उपरांत 6 लोगों ने इसमें क्वालीफाई किया। जिसमें मेरा पुत्र सुयश रावत भी है। प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता अपनाई गई लेकिन इसके बावजूद भी अनावश्यक विवाद पैदा करने की कोशिश की गई। यदि किसी को मेरे पुत्र के आवेदन करने पर आपत्ति है तो मैं उनसे अपना आवेदन वापस लेने का आग्रह करूंगा।

मंत्री सतपाल महाराज ने प्रेस को जारी अपने एक बयान में कही है। उन्होंने कहा कि टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण द्वारा टिहरी बांध जलाशय में क्रूज बोट संचालन हेतु खुले रूप से आवेदन मांगे गए थे। जिसमें कि पूरी पारदर्शिता अपनाई गई। क्रूज बोर्ड संचालन हेतु कुल 25 लोगों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किए गए थे जिनमें से 6 लोगों ने क्वालीफाई किया। इनमें मेरा पुत्र सुयश रावत भी शामिल है।

विवाद खड़ा करने वालों को यह पता होना चाहिए कि अभी यह केवल आवेदन ही था। किसी को भी क्रूज बोट संचालन की कोई स्वीकृति नहीं मिली थी। कुछ राजनीतिक लोगों ने इसे टेन्डर बताकर भ्रम फैलाने का तथाकथित प्रयास किया है। जबकि इस प्रक्रिया में सरकार की ओर से किसी प्रकार का कोई पैसा नहीं लगना था इसमें हमने ही निवेश करना था।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ, उत्तराखंड का धरना-प्रदर्शन 19वां दिन भी जारी, कर्मचारियों ने दी चेतावनी

महाराज ने कहा कि उनका बेटा चाहता था कि वह उत्तराखंड में निवेश करे और यहां के लोगों को रोजगार दे। लेकिन इसे लेकर कुछ लोगों द्वारा अनर्गल विवाद पैदा किया गया। मेरा राजनीतिक जीवन हमेशा से बेदाग रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने हमें सिखाया है कि हमें कमल की तरह रहना चाहिए, राजनीति में स्वच्छता एवं सुचिता होनी चाहिए। इसलिए इन तमाम बातों को देखते हुए मैं अपने पुत्र से आग्रह करुंगा कि वह अपना आवेदन वापस ले लें, ताकि किसी को भी अनावश्यक विवाद पैदा करने का मौका न मिले।

FB IMG 1724414937455

यह भी पढ़ें : कृषि एवं उद्यान विभाग के समूह-ग के रिक्त 637 पदों की भर्ती परिणामों की हाईकोर्ट ने दी हरी झंडी

Next Post

आपदा के मुद्दे पर सदन में बोलने का अवसर न मिलने पर विपक्षी विधायक हरीश धामी ने जताई विपक्ष के प्रति नाराजगी, मुख्यमंत्री से की मुलाकात

आपदा के मुद्दे पर सदन में बोलने का अवसर न मिलने पर विपक्षी विधायक हरीश धामी ने जताई विपक्ष के प्रति नाराजगी, मुख्यमंत्री से की मुलाकात भराड़ीसैंण/मुख्यधारा विधानसभा मानसून सत्र के दौरान प्राकृतिक आपदा के मुद्दे पर सदन में चर्चा […]
p 1 46

यह भी पढ़े