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Health : मोटापे को कम करने के लिए आदर्श आहार है पत्तागोभी : भरत गिरी गोसाई

admin
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टिहरी/मुख्यधारा

पत्तागोभी उच्चस्तरीय पोषक तत्वो से भरपूर कम कैलोरी, स्वास्थ्यवर्धक, सस्ती प्राचीन तथा लोकप्रिय हरी सब्जी है। पत्तागोभी का वानस्पतिक नाम ब्रेसिका ओलेरेसिया कैपीटाटा है, जोकि क्रूसीफेरी परिवार का प्रमुख सदस्य है। पत्तागोभी को पातगोभी, बंदगोभी, कमरकल्ला, शतपर्वा, कैबेज आदि नामो से भी जाना जाता है। वनस्पति वैज्ञानिको के अनुसार पत्तागोभी का उद्गम स्थल पश्चिम यूरोप है।

पत्तागोभी मे पाये जाने वाले पोषक तत्व: प्रति 100 ग्राम पत्तागोभी के खाद्य भाग से 91.9% पानी, 27% किलो कैलोरी ऊर्जा, 18% खनिज लवण, 4.6% कार्बोहाइड्रेट, 1% फाइबर, 0.6% खनिज लवण, तथा 0.1% वसा प्राप्त होता है। पत्तागोभी मे खनिज लवण जैसे फास्फोरस 44 मिलीग्राम, कैल्शियम 39 मिलीग्राम, आयरन 0.8 मिलीग्राम तथा विटामिन-सी 124 मिलीग्राम, नायसिन 0.4 मिलीग्राम, राइबोफ्लेविन 0.09 मिलीग्राम तथा 120 माइक्रोग्राम कैरोटीन पाए जाता है।

पत्तागोभी के औषधीय गुण: पत्तागोभी मे विटामिन-सी प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है। पत्तागोभी मे पाये जाने वाला लोह तत्व शरीर मे जल्दी तथा आसानी से शोषित हो जाता है। इसी गुण के कारण पत्तागोभी का सेवन पीलिया मे लाभदायक माना जाता है। पत्तागोभी मे मौजूद सुक्ष्म पोषक तत्व उपापचयी क्रिया को सुचारू रूप से कार्य करने मे मदद करता है। ताजा पत्तागोभी नियमित खाने से कब्ज की समस्या दूर की जा सकती है। अनुसंधान अध्ययनों से पता चला कि पत्तागोभी मे टारट्रौनिक एसिड पाया जाता है जोकि कार्बोहाइड्रेट को वसा मे परिवर्तित करता है।

पतागोभी के सेवन से बहुत कम कैलोरी प्राप्त होता है। अतः मोटापे को कम करने के लिए यह एक आदर्श आहार माना गया है। पत्तागोभी का आधा कप रस नियमित एक सप्ताह तक पीने से रुक-रुक कर होने वाली मूत्र की समस्या से राहत मिल सकती है। आयुर्वेदिक चिकित्सको के अनुसार पत्तागोभी की पत्तियो को पट्टी के साथ बांधने से घाव जल्दी ठीक होता है।

पत्तागोभी मे ग्लूकोज की मात्रा ना के बराबर होती है। इसलिए पत्ता गोभी की सब्जी और सलाद मधुमेह के मरीजो के लिए बहुत गुणकारी सिद्ध होती है। विटामिन-ए प्रचुर मात्रा मे होने के कारण पत्तागोभी आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद साबित होती है। 50 ग्राम कच्चा पत्तागोभी को नियमित आधे घंटे तक चबाने से पायरिया तथा दंत रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। सोने से पहले एक चौथाई कप ताजा पत्तागोभी का रस पीने से अनिद्रा की शिकायत दूर की जा सकती है।

पत्ता गोभी का सेवन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें :-

  • शोध के अनुसार पत्तागोभी के बाहरी पत्तों मे ज्यादा विटामिन पाया जाता है। इसलिए पतागोभी का सेवन करते समय पत्तागोभी के बाहरी पत्तों को फेंकना नही चाहिए।
  • सदैव ताजा गोभी का ही सेवन करना चाहिए।
  • पत्तागोभी को ज्यादा देर तक नही पकाना चाहिए जिससे कि उसके पौष्टिक तत्व नष्ट ना हो जाए।
  • पत्तागोभी मे थायोसायनेट पाया जाता है जो कि थायरोक्सिन हार्मोन के निर्माण मे बाधा उत्पन्न करता है। इसलिए घोंघा बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को पत्तागोभी का सेवन नही करना चाहिए।
  • ज्यादा मात्रा मे पत्तागोभी का रस काशी वन पेट के लिए हानिकारक हो सकता है।

(आलेख : भरत गिरी गोसाई, सहायक प्राध्यापक, वनस्पति विज्ञान, शहीद हंसा धनाई राजकीय महाविद्यालय अगरोड़ा (धारमंडल) टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड)

 

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