प्रति व्यक्ति आय में दिखाया जा रहा इजाफा
वर्ष 2018-19 में दर्शायी गयी रू0 1,98,738/- प्रति व्यक्ति आय।
वर्ष 2017-18 में दर्शायी गयी रू0 1,73,820/- प्रति व्यक्ति आय।
पूर्ववर्ती सरकार के समय 2016-17 में थी रू0 1,57,643/- प्रति व्यक्ति आय।
कृषि वानिकी, पशुधन, उद्योग खनन, रियल स्टेट आदि क्षेत्रों में है भारी गिरावट।
प्रदेश चला गया गर्त में, लेकिन जनता को दिखाया जा रहा सब्ज बाग।
प्रदेश सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति आय के जो आंकड़े जनता को दिखाये जा रहे हैं वो धरातल पर पूरी तरह से फर्जी हैं। वर्ष 2018-19 में प्रति व्यक्ति आय रू0 1,98,738/-, वर्ष 2017-18 में रू0 1,73,820/- दर्शायी गयी है, जबकि पूर्ववर्ती सरकार के समय वर्ष 2016-17 में रू0 1,57,643/- थी, जबकि इन दो वर्षों 2017-18 व 2018-19 में तेजी से प्रदेश् ाका विकास ठप्प हुआ है, यानि कृषि, वानिकी, पशुधन, उद्योग, रियल स्टेट, खनन आदि तमाम कारोबारों में भारी गिरावट आयी है तथा देश की मीडिया में भी अब सच्चाई सामने आने लगी हैं।
जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि ऐसे समय में, जब प्रदेश में किसान खेती, पशुधन आदि से विमुख् हो रहा हो, वैध खनन लगभग बंद कर दिया गया हो, खेती जंगली जानवरों व पलायन के कारण चैपट हो गयी हो, रियट स्टेट के कारोबार को नोटबंदी व जी0एस0टी0 ने तबाह कर दिया हो, ऐसी परिस्थितियों में प्रति व्यक्ति आय फर्जी तरीके से बढ़ना निश्चित तौर पर चिन्ताजनक है।
नेगी ने हैरानी जतायी कि जिस प्रदेश में कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए कर्ज लिया जा रहा हो तथा प्रदेश आर्थिक रूप से कंगाल हो गया हो, निश्चित तौर पर चिन्ताजनक है। मोर्चा ने कहा कि आंकड़े तब जारी किये जा रहे हैं, जब देश कृषि, वानिकी, उद्योग, पशुधन, रियल स्टेट आदि तमाम कारोंबारों के घटने से चिंतित है।