नीरज उत्तराखंडी/मोरी, पुरोला, मुख्यधारा
उत्तरकाशी की प्रथम महिला आईएएस के पैतृक गांव की अनुसूचित जाति बस्ती में पेयजल आपूर्ति ठप
प्रधानमंत्री की महत्तवाकांक्षी जल मिशन योजना के अंतर्गत हर घर नल और जल पहुंचाने के लक्ष्य को विभाग की अदूरदर्शिता पलीता लगा रही है।
उत्तरकाशी की प्रथम महिला आईएएस सुमन रावत का पैतृक गांव माकुड़ी की अनुसूचित जाति बस्ती की महिलाएं पेयजल आपूर्ति ठप होने से दो किमी दूर प्राकृतिक जल स्रोत से पीठ पर पानी ढोने को मजबूर है।
मामला जनपद उत्तरकाशी के मोरी ब्लाक के आराकोट बंगाण क्षेत्र के माकुडी गांव की अनुसूचित जाति बस्ती द्वारी, भाला, श्याड़ी और याम्चा का है। जहां पेयजल आपूर्ति ठप होने से महिलाएं और बच्चे दो किमी. दूर से प्राकृतिक जल स्रोत से पीठ पर पानी ढोने को मजबूर हैं।
गांव की प्रधान विनीता देवी का कहना है कि स्रोत में जल स्तर कम होने से अनुसूचित जाति बस्ती तक पानी नहीं पहुंच पाता है। इस संबंध में उन्होंने जल संस्थान के अधिशिसी अभियन्ता को ज्ञापन भेजकर अन्य पेयजल स्रोत से नई पेयजल लाइन के निर्माण की मांग की है।
बहरहाल, अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों की उदासीनता लापरवाही और अदूरदर्शिता का खामयाजा अनुसूचित जाति बस्ती में रहने वाले ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
फिलवक्त प्रधानमंत्री की महत्तवाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल और जल का सपना अनुसूचित जाति बस्ती के लिए सपना बनकर रह गया है।