रुद्रप्रयाग/मुख्यधारा
रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार सिंह के नेतृत्व में वनों की सुरक्षा को लेकर दूरगामी परिणाम वाले प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। डीएफओ जहां वनों में जल संरक्षण की उपलब्धता को लेकर काम कर रहे हैं, वहीं वनाग्नि को रोकने की दिशा में भी प्रयासरत हैं। यही नहीं वर्षा जल संरक्षण के माध्यम से वनों में चौड़े पत्तेदार पेड़ों को बढ़ावा देने के लिए भी रुद्रप्रयाग वन विभाग की टीम काम में जुटी हुई है।
रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार सिंह ने मुख्यधारा को बताया कि गर्मियों के मौसम में हमारे प्रभाग की टीम द्वारा चीड़ बाहुल्य क्षेत्र में छोटे छोटे कई तालाब बनाए गए। मौसम की पहली बरसात हुई तो बारिश के पानी से वह सभी तालाब भर गए। इस जल से वनों में नमी आएगी और सघन वन बनने में सहायक होगा।
रुद्रप्रयाग वन प्रभाग रुद्रप्रयाग द्वारा वर्षा एवं जल संरक्षण हेतु किये गये कार्यों का संक्षिप्त परिचय
रुद्रप्रयाग वन प्रभाग द्वारा वर्षा एवं जल संरक्षण मद के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में जल संरक्षण के लिए इस वन प्रभाग की विभिन्न रेंज (रुद्रप्रयाग अगस्त्यमुनि, खांकरा, उत्तरी जखोली, दक्षिणी जखोली एवं गुप्तकाशी यूनिट) के अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रों में 3 जल कुण्ड (2.50000 ली० क्षमता), 11 जल कुण्ड (1,00,000 ली० क्षमता), 16 जल कुण्ड (50,000 ली० क्षमता), 28 जल कुण्ड (30,000 ली० क्षमता), 88 जल कुण्ड (20,000 ली० क्षमता), 20 जल कुण्ड ( 10,000 ली० क्षमता), 446 चाल-खाल निर्माण एवं 330 है० मे कन्टूर ट्रैंच का खुदान कार्य किया गया है।
इसके अलावा वर्षा जल रोकने हेतु प्रभाग द्वारा 1041 वनापस्तिक चैकडैम 59 क्रेट वायर चैकडैम, 549 आर0आर0ड्राई चैक डैम साईड वॉल एवं गली प्लग का भी निर्माण किया गया है।
1. वर्तमान में अच्छी वर्षा होने से प्रभाग द्वारा निर्मित सभी जलकुण्ड, चाल-खाल कन्टूर ट्रैचों में अनुमानित 100 लाख ली० पानी एकत्रित हुआ है।
2. प्रभाग द्वारा सभी जल संरक्षण से सम्बन्धित कार्य वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील चीड़ बाहुल्य वन क्षेत्रों में किये गये हैं।
उक्त जल संरक्षण कार्यों से न केवल मृदा में नमी की बढोत्तरी हुयी है तथा विभिन्न चौड़ी पत्ती युक्त वनस्पतियों के विकास में भी सहायता मिलेगी, जिससे आगामी वर्षों में इन चीड बाहुल्य वनों की प्रकृति में परिवर्तन होगा एवं वनाग्नि हेतु संवेदनशीलता में कमी आयेगी।
3. रुद्रप्रयाग वन प्रभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत नरकोटा, स्वरगढ नाला एवं सिल्ली गदेरों का क्रेट वॉयर चैकडैम, आर०आर०ड्राई चैकडैम, वानस्पतिक चैकडैम, कन्टूर ट्रैच द्वारा उपचार किया गया है जिससे विगत दिनों में अतिवृष्टि की घटनाओं द्वारा संभावित भू-स्खलन एवं भू-क्षरण की रोकथाम में अत्यधिक लाभ प्राप्त हुआ है।
कुल मिलाकर डीएफओ वैभव कुमार सिंह के नेतृत्व में रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में किए जा रहे वर्षा जल संरक्षण कार्य से इसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे और वनों की सुरक्षा और संरक्षण की बेहतरीन दिशा तय हो सकेगी।