देहरादून। प्राइवेट स्कूलों में अभिभावकों द्वारा फीस जमा न करने के दुष्परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं। ताजा मामला दून पब्लिक स्कूल भानियावाला देहरादून का है, जहां फीस जमा न करने के कारण बच्चों का रिजल्ट रोका गया।
विगत कुछ दिनों पहले समाजसेवी योगेश राघव ने दून पब्लिक स्कूल भानियावाला देहरादून और क्षेत्र के एक अन्य स्कूल, माउंट लिट्रा जी स्कूल भानियावाला देहरादून के द्वारा फीस जमा करने हेतु अभिभावकों पर दबाव बनाने की लिखित शिकायत बाल अधिकार संरक्षण आयोग से की थी। जिसके बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून को आदेश जारी करते हुए निर्देश दिए थे कि वह 15 दिनों में इन दोनों स्कूलों के खिलाफ़ जांच कर उसकी रिपोर्ट आयोग को सौंपेंगे, किंतु 15 दिनों से अधिक दिन बीत जाने के बावजूद मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून ने अभी तक अपनी रिपोर्ट आयोग को नहीं भेजी। जिसके चलते दून पब्लिक स्कूल भानियावाला देहरादून ने अभिभावकों से फीस वसूलने के एवज में परीक्षाओं का आयोजन कराया।
समाज सेवी योगेश राघव ने बताया कि उनके और दून पब्लिक स्कूल के अभिभावकों के द्वारा समय-समय पर आयोग को इस बारे में अवगत कराया गया है। फिर चाहे लॉकडाउन अवधि में बच्चों को स्कूल में बुलाकर कॉपी चैक करने या फिर बच्चों का बोर्ड परीक्षाओं में रजिस्ट्रेशन का मामला हो या फिर स्कूल द्वारा मैसेज भेज कर फीस जमा के लिए दबाव बनाया जा रहा हो। जिस कारण अभिभावक परेशान होकर किसी भी तरह से स्कूल की फीस जमा कर दें।
फीस के ही दृष्टिगत स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रथम सत्र परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसका बहुत से अभिभावकों द्वारा बहिष्कार किया गया और कुछ अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को प्रथम सत्र परीक्षा को दिलवाया गया, जिन्होंने फीस जमा नहीं की थी। स्कूल प्रबंधन द्वारा उन्हीं बच्चों का रिजल्ट घोषित किया गया, जिनकी पूरी फीस जमा हो चुकी थी और जिनकी फीस जमा नहीं हुई थी, उनका रिजल्ट यह कहकर रोक दिया गया कि जब तक आपके बच्चे की पूरी फीस स्कूल में जमा नहीं हो जाती, तब तक इनका रिजल्ट घोषित नहीं किया जाएगा। अभिभावक इस बात से खासे परेशान हैं।
योगेश राघव ने कहा कि इस तरह से बच्चों के मन में हीन भावना उत्पन्न हो सकती है, जिसके कारण बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक स्तर पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि स्कूल बच्चों के अधिकारों का पूर्णत: हनन करने तथा मानसिक उत्पीडऩ करने का कार्य कर रहा है। यदि अभिभावकों के समक्ष बच्चों पर गलत प्रभाव का कोई भी मामला आता है तो स्कूल प्रबंधन को इसके लिए कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।
सुरेन्द्र भंडारी, मीनू शुक्ला, ममता, लक्ष्मी, गीता, पूजा रावत, राजेन्द्र नेगी, उदय धनोला, योगेन्द्र सिंह, मनीष, दीवान सिंह सजवाण, आरके शर्मा, रोहित कुमार आदि अभिभावकों ने इस बात पर कड़ा आक्रोश जताया है।