उत्तराखण्ड चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक 2019 विधानसभा में पेश
विरोध के बीच श्राइन प्रबंधन विधेयक पेश
सात विधेयकों को मंजूरी
देहरादून। सदन व इससे बाहर तक विरोध के बीच सरकार ने सोमवार को ‘उत्तराखण्ड चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक, 2019 विधानसभा में पेश कर दिया। इसके अलावा अन्य विधेयक भी पटल पर रखा गया।
श्राइन प्रबंधन विधेयक पेश होने से पूर्व से ही हक-हकूकधारियों और सदन में कांग्रेस के विरोध के बावजूद सरकार ने चारधाम श्राइन प्रबंधन विधेयक सदन के पटल पर रख दिया। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने विपक्ष से चर्चा किए बिना विधेयक पेश करने पर आपत्ति की। उनका कहना था कि हक-हकूक पिछले कई दिनों से सड़क पर आकर आंदोलन कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के रवैये को तानाशाही पूर्ण बताते हुए कहा कि उसे इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
केदारनाथ से विधयक मनोज रावत विधेयक के विरोध में मुखर होकर खड़े होकर सदन में संघर्ष करते नजर आए। उनके साथ पार्टी के अन्य सदस्य भी वेल पर आकर विरोध करते हुए धरने पर बैठे। कांग्रेस के प्रीतम सिंह और करन माहरा ने कहा कि सरकार विधेयक को लेकर जल्दीबाजी में है। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा करने वाले हक-हकूकधारियों के हितों की रक्षा के लिए पार्टी सड़कों पर भी आंदोलन करेगी।
दूसरी ओर संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक का कहना था कि विध्ेायक पेश होने से पहले विपक्ष का हंगामा समझ से परे है। पारण से पहले चर्चा के दौरान विपक्ष अपनी बात व सुझाव रख सकता है। उन्होंने चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि गत दिवस कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा था कि सदन में उनकी पार्टी के सदस्यों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है। इसलिए कांग्रेस ने दिनभर सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न किया और हंगामा करते रहे। उन्होंने यह भी कहा कि हक-हकूकधरियों के हक प्रभवित नहीं होंगे। इसके अलावा ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता’उत्तराखण्ड संशोधन (विधेयक 2019) भी सदन में पेश किया गया।
सात विधेयकों को मंजूरी
विपक्ष के भारी हंगामे के बीच ही सोमवार को बिना चर्चा के ही सात विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गए।
उत्तराखण्ड विधानसभा ने ‘उत्तराखण्ड पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019, उत्तराखण्ड भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुविधा (आवासीय एवं अन्य सुविधाएं) विधेयक, कारखाना (उत्तराखण्ड संशोधन विधेयक, संविदा श्रम (विनियमन एवं उत्सादन) (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, उत्तराखण्ड कृषि उत्पाद मण्डी (विकास एवं विनियमन) (संशोधन) विधेयक, उत्तराखण्ड, उ.प्र. जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनयम 1950 (संशोधन) विधेयक तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी है।