अजब-गजब: जानिए कौन हैं विवादों की अफसर (IAS POOJA KHEDKAR), जिन्होंने प्रशासनिक लॉबी को किया शर्मसार
ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने पहली पोस्टिंग में दिखाए बड़े कारनामें
(आईएएस की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों चर्चा में हैं। वर्तमान में अपने गृह कैडर महाराष्ट्र में तैनात हैं। 34 साल की पूजा खेडकर यूपीएससी सिलेक्शन में गड़बड़ी के अलावा करोड़ों की संपत्ति को लेकर भी सुर्खियों में हैं। पूजा खेडकर करीब 17-22 करोड़ की प्रॉपर्टी की मालकिन हैं। उन पर आईएएस का पद हासिल करने के लिए कथित रूप से विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है। 2023 बैच की आईएएस अधिकारी उस वक्त चर्चा में आ गईं जब उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाई। पूजा पर पुणे में बतौर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी रहते हुए शक्तियों के दुरुपयोग का भी आरोप है। इसके अलावा पूजा की नियुक्ति को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। केंद्र ने पूजा की ओर से जमा किए गए सभी दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है।पूजा के सिलेक्शन प्रोसेस में गड़बड़ी हुई है, तो महाराष्ट्र सरकार पूजा को बर्खास्त करने का फैसला ले सकती है। )
मुख्यधारा डेस्क
आईएएस यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा देश में सबसे बड़ी सर्विस के साथ एक सम्माननीय पद भी माना जाता है। इसे हम “नौकरशाही” के नाम से भी जानते हैं। सरकार की नीतियों और विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने में ब्यूरोक्रेट्स अहम भूमिका निभाते हैं। उम्मीदवार आईएएस की परीक्षा पास करके डीएम, सचिव, विशेष सचिव, प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव बनते हैं। लेकिन कभी-कभी आईएएस की परीक्षा पास करके अभ्यर्थी अपने पद और गरिमा को भी भुला बैठते हैं। इन्हीं में से एक आईएएस परीक्षा पास करने वाली महिला पूजा खेडकर है।
आईएएस की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों चर्चा में हैं। वर्तमान में अपने गृह कैडर महाराष्ट्र में तैनात हैं। 34 साल की पूजा खेडकर यूपीएससी सिलेक्शन में गड़बड़ी के अलावा करोड़ों की संपत्ति को लेकर भी सुर्खियों में हैं। पूजा खेडकर करीब 17-22 करोड़ की प्रॉपर्टी की मालकिन हैं। उन पर आईएएस का पद हासिल करने के लिए कथित रूप से विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप लग रहा है। 2023 बैच की आईएएस अधिकारी उस वक्त चर्चा में आ गईं जब उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाई। पूजा पर पुणे में बतौर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी रहते हुए शक्तियों के दुरुपयोग का भी आरोप है।
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इसके अलावा पूजा की नियुक्ति को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। अब इस मामले में केंद्र ने जांच बैठा दी है। वहीं पुणे ट्रैफिक पुलिस ने भी उन्हें नोटिस तलब किया है। उसके बाद ही पूजा खेडकर को विदर्भ के अपेक्षाकृत छोटे जिले वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया है । तमाम विवादों के बाद पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे ने मुख्य अपर सचिव को पत्र लिखकर पूजा की शिकायत की थी। पत्र में उन्होंने पूजा के बर्ताव की शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि पूजा जूनियर स्टाफ के साथ आक्रामक बर्ताव करती हैं, उन्होंने एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे का चेंबर गैर कानूनी तरीके से कब्जा कर लिया है।
पूजा केवल अपने आचरण को लेकर ही विवादों में नहीं हैं, बल्कि उनकी नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
महाराष्ट्र के आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने पूजा खेडकर की आईएएस में नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। कुंभार ने दावा किया कि पूजा खेडकर ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर श्रेणी से आईएएस अधिकारी बनीं। उनके पिता के चुनावी हलफनामे में उनकी आय और संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई गई है। ऐसी आय नॉन-क्रीमी लेयर में कैसे आ सकती है?’ बता दें कि ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर वाले वो उम्मीदवार होते हैं जिनके माता-पिता की वार्षिक आय आठ लाख रुपये से कम होती है।
आईएएस पूजा खेडकर अगर जांच में दोषी पाई गई तो होंगी बर्खास्त
विवादित ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर यदि केंद्र सरकार द्वारा गठित पैनल की जांच में दोषी पाई जाती हैं तो उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है। पूजा खेडकर अपनी पोस्टिंग के दौरान जिस ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाकर घूमती थीं, उस पर 26 हजार रुपए का जुर्माना बकाया है। 2022 से अब तक तेज गति से गाड़ी चलाने, सिग्नल तोड़ने और पुलिस के पूछने पर रुकने से इनकार करने जैसे ट्रैफिक रूल्स तोड़ने को लेकर ऑडी के 21 चालान पेंडिंग हैं।
ऑडी कार एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। महाराष्ट्र के अहमदनगर में भी पूजा के नाम तीन प्रॉपर्टी हैं। इनमें दो जमीन उनकी मां ने उन्हें 2014 में गिफ्ट के तौर पर दी। इनकी कीमत करीब 1.25 करोड़ रुपए है। सवेदी में पूजा ने 2019 में 20 लाख 25 हजार रुपए में एक जमीन खुद खरीदी। अभी इसकी कीमत 45 लाख रुपए है। इन सभी 7 प्रॉपर्टी से पूजा हर साल करीब 42 लाख रुपए कमा रही हैं। पूजा के पिता दिलीप खेडकर के नाम पर करीब 40 करोड़ की संपत्ति है। दिलीप खेडकर महाराष्ट्र सरकार के रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हैं।
रिटायरमेंट के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 2024 में अहमदनगर सीट से वंचित बहुजन अघाडी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। पूजा ने साल 2023 में जॉइनिंग से पहले सरकार को दिए अपनी अचल संपत्ति के ब्योरे में बताया कि उन्होंने 2015 में पुणे के म्हालुंगे में 2 प्लॉट खरीदे। इसमें उन्होंने एक प्लॉट 42 लाख 25 हजार रुपए और दूसरा प्लॉट 43 लाख 50 हजार रुपए में खरीदा। अभी दोनों प्लॉट की मार्केट वैल्यू 6 से 8 करोड़ रुपए के बीच है। पूजा ने 2018 में पुणे के धनेरी इलाके में 20 लाख 79 हजार रुपए में 4.74 हेक्टेयर जमीन खरीदी। इसकी मौजूदा कीमत 3 से 4 करोड़ रुपए है। पूजा ने 2020 में 44 लाख 90 हजार रुपए में केंधवा में 724 स्क्वायर फीट का एक फ्लैट खरीदा, जिसकी कीमत अभी 75 लाख रुपए है। पुणे डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर दिवासे की रिपोर्ट राज्य सरकार के पास पहुंचने के बाद केंद्र सरकार भी पूजा के खिलाफ जांच कर रही है।
इसके अलावा दिवासे ने भी पूजा की ट्रेनिंग से जुड़ी एक घटना का जिक्र करते हुए बताया है कि उनका आचरण एक अधिकारी के अनुकूल नहीं है। दिवासे ने चीफ सेक्रेट्री को लिखे हुए पत्र में बताया कि जब अतिरिक्त कलेक्टर चार दिन के लिए शहर से बाहर थे तो पूजा ने किसी की इजाजत के बिना उनका उपकक्ष खाली कर उस कमरे में फर्नीचर और दूसरा सामान रखवा लिया। पूजा ने उस कमरे के बाहर अपने नाम की एक तख्ती भी लगवा ली। केंद्र सरकार ने पूजा की ओर से जमा किए गए सभी दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। केंद्र ने एक बयान में कहा कि यह जांच एडिशनल सेक्रेटरी रैंक के अफसर कर रहे हैं। इस जांच का मकसद 2023 बैच की अधिकारी खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य डिटेल को वेरिफाई करना होगा। समिति अपनी रिपोर्ट दो हफ्तों में पेश करेगी। कमेटी अपनी रिपोर्ट कार्मिक मंत्रालय को सौंपेगी। इसके बाद मंत्रालय यह रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार को सौंपेगा। अगर रिपोर्ट में पाया गया कि पूजा के सिलेक्शन प्रोसेस में गड़बड़ी हुई है, तो महाराष्ट्र सरकार पूजा को बर्खास्त करने का फैसला ले सकती है।
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